लखीसराय. सदर अस्पताल के प्रशाल में बुधवार को दो माह तक चलने वाला स्टॉप डायरिया अभियान का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने बच्चे को ओआरएस पिलाकर किया. मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि डायरिया बाल मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. एक अनुमान में प्रति वर्ष लगभग 27 लाख बच्चे डायरिया से पीड़ित होते हैं. शिशु मृत्यु के कारणों में डायरिया का तीसरा स्थान है. ऐसे में प्रतिवर्ष एक पखवारा तक चलने वाले इस कार्यक्रम को इस वर्ष दो माह चलाने का निर्णय लिया गया है. इसके बचाव को लेकर दूषित भोजन व खुले में शौच से परहेज के साथ साफ-सफाई खासकर हाथ की सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. संक्रमित व्यक्ति के शौच से इसका प्रसार तेजी से फैलता है. मुख्य रूप से दो माह तक चलने वाली अभियान में इससे बचाव एवं इसके लक्षण की पहचान कर आवश्यक कदम उठाने को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. अभियान में स्वास्थ्य बिभाग के साथ शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका, पंचायती राज संस्थान एवं विकास मित्र को भी शामिल किया गया है. आशा कर्मियों द्वारा लखीसराय जिले में एक लाख 77 हजार 413 लक्षित बच्चे को ओआरएस और जिंक उपलब्ध कराया जायेगा. जबकि सभी सरकारी अस्पतालों में जिंक ओआरएस कॉर्नर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी के साथ कार्य करेगा. डायरिया पर नियंत्रण के लिए छह माह तक शिशु को केवल स्तनपान, पर्याप्त पूरक आहार और विटामिन-ए देने की आवश्यकता है. रोटा वायरस के टीकाकरण भी महत्वपूर्ण है. यदि बच्चे को डायरिया हो जाय तो जिंक ओआरएस का प्रयोग असरदार होता है. डायरिया के गंभीर मामलों के अस्पताल में उपचार की भी विशेष व्यवस्था होती है. जहां इसके लिए विशेष वार्ड बनाये गये हैं. बच्चों के लिए शिक्षण संस्थान आंगनबाड़ी में साफ सफाई पर विशेष ध्यान एवं जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. मौके पर प्रभारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी अशोक कुमार भारती, डीपीएम सुधांशु नारायण लाल, डीएस डॉ राकेश कुमार, डीसीएम आशुतोष कुमार एवं पीरामल फाउंडेशन के कर्मी सहित अन्य विभागों के जिला प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
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