तृतीय सक्षमता परीक्षा में भाग नहीं लेंगे नियोजित शिक्षक: सत्यप्रकाश
सूबे के लाखों प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षक सरकार की शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी नीति का लगातार पुरजोर विरोध करते रहे हैं.
लखीसराय. बिहार शिक्षक एकता मंच लखीसराय के संयोजक सह बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ लखीसराय के महासचिव सत्य प्रकाश ने कहा कि सूबे के लाखों प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षक सरकार की शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी नीति का लगातार पुरजोर विरोध करते रहे हैं. खासकर नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा लेकर सरकार राज्य कर्मी बनाने का सबसे बड़ा धोखाधड़ी का कार्य कर रही है. क्योंकि नियमित सहायक शिक्षक की भांति वेतनमान, प्रोन्नति समेत अन्य सुविधा नहीं है, फिर नियोजित शिक्षकों को परीक्षा लेकर किस प्रकार का राज्य कर्मी बनाया जा रहा है. यही उनके नीति को उजागर करता है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि आगामी तृतीय सक्षमता परीक्षा में नियोजित शिक्षक भाग नहीं लेंगे. क्योंकि सक्षमता परीक्षा नियोजित शिक्षकों के वर्षों की सेवा अवधि को समाप्त करती है. साथ ही प्रोन्नति से मिलने वाले वेतन उन्नयन की लाभ लेने, स्नातक ग्रेड एवं प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति लेने का अवसर समाप्त कर देती है. उन्होंने कहा कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक भी अपनी सेवाओं के दरम्यान मिलने वाली प्रोन्नति, सेवा निरंतरता नहीं होने की स्थिति में विशिष्ट शिक्षक हेतु किसी भी परिस्थिति में नियुक्ति पत्र नहीं लेंगे. विशिष्ट शिक्षक का नियुक्ति एवं पदस्थापन नये होने के कारण दो वर्ष प्रोग्रेशन अवधि के कारण वार्षिक वेतन बढ़ोतरी नहीं मिलेगी. हर दृष्टिकोण से नये राज्य कर्मी बनने पर नुकसान ही है. सत्य प्रकाश ने कहा कि एकजुट होकर शिक्षकों के हक की लड़ाई जारी रखते हुए नियोजित शिक्षकों को 9300-34800 का नियमित वेतनमान व सहायक शिक्षक का दर्जा देते हुए राज्य कर्मी बनने तक संघर्ष को निरंतर जारी रखेंगे. उन्होंने लखीसराय जिले के प्रारंभिक नियोजित शिक्षकों से अनुरोध है कि अपनी चट्टानी एकता को धैर्यपूर्वक बनाकर रखें और अपने अधिकार के लिए हम लोग एकजुटता के साथ सरकार से लड़ाई नियम संगत लड़कर जरूर जीतेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है