श्रीश्री 108 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में बह रही भक्ति रस की धारा
प्रखंड के बल्लोपुर गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्रीश्री 108 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के चौथे दिन दर्जनों ब्राह्मण एवं जजमान द्वारा हवन कराया गया.
हलसी. प्रखंड के बल्लोपुर गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्रीश्री 108 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के चौथे दिन दर्जनों ब्राह्मण एवं जजमान द्वारा हवन कराया गया. जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति मय हो गया है. साथ ही महायज्ञ स्थल के समीप प्रखंड के कई इलाकों से सुबह होते ही परिक्रमा करने को लेकर महिला, पुरुष बच्चे, कुंवारी कन्या सहित श्रद्धालुओं की तांता लगा हुआ था. मौके पर उपस्थित आचार्य जयदेव जी महाराज ने बताया कि महायज्ञ के अंतिम दिन एक जून को भोजपुरी लोकगीत गायिका देवी, भोजपुरी गायक शिवेश मिश्रा, सुर संग्राम विजेता किशन कुमार तथा गायिका नीलम सागर आ रही हैं, जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि महायज्ञ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए उत्तम व्यवस्था किया गया है. उन्होंने कहा कि उनके मनोरंजन के साथ-साथ तीनों पहर लंगर का इंतजाम किया गया है. लंगर में आये सभी श्रद्धालुओं को आदर सम्मान के साथ भोजन कराया जाता है. कार्यक्रम में ढाई सौ से अधिक वोलेंटियर बनाये गये हैं, इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से दर्जनों सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं. वहीं संध्या में वृंदावन से आयी हुई कथावाचिका गौरी प्रिया भी अपने अंदाज मे श्रीमद् भागवत कथा सुना रही है. प्रवचन के दौरान गौरी प्रिया जी प्रभु की लीला को बताते हुए अपने भक्तों से संबोधित करते हुए कहा कि माता-पिता वृक्ष के समान हैं. उन्होंने कहा कि वृक्ष जितना पुराना होता है उतना छाया देता है. उसी प्रकार जिस घर में माता-पिता होते हैं, वह घर स्वर्ग के समान होता है., भगवान ने खुद सबरी को मां का स्थान दिया. उन्होंने भीष्म पितामह परीक्षित श्राप की कथा भी सुनायी. जो भगवान की कथा सुनता है उसका जीवन धन्यवाद हो जाता है. उन्होंने कहा कि कलयुग मे एक पैर के बल पर टिका है. धर्म दान के बल पर धर्म टिका है. देवी जी ने बताया कि द्रौपदी को बचाने श्री कृष्ण आये थे, कलयुग में कृष्ण नहीं आयेंगे, अपनी बेटी को परी नहीं, दुर्गा लक्ष्मीबाई बनाये जिसमें वह अपनी आत्मरक्षा कर सके.
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