लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में बह रही भक्ति रस की धारा
लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में बह रही भक्ति रस की धारा
चानन. प्रखंड के धनवह गांव में आयोजित नौ दिवसीय श्रीश्री 108 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में दिनों दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ बढ़ती ही जा रही है. वहीं देर शाम वृंदावन से पधारे कथावाचिका पूज्य गौरी प्रिया के द्वारा अमृत प्रवचन का आयोजन किया गया. इस दौरान शनिवार की रात राम कथा के साथ साथ राम जन्मोत्सव मनाया गया. मौके पर मौजूद श्रद्धालु भगवान श्रीराम सहित चारों भाइयों के जन्म कथा का श्रवण कर झूम उठे. कथा वाचन के दौरान कथावाचिका किशोरी गौरी प्रिया ने कहा कि तीन कल्प में तीन विष्णु का अवतार हुआ है और चौथे कल्प में साक्षात भगवान श्रीराम माता कौशल्या के गर्भ से अवतरित हुए है. श्रीराम जन्म प्रसंग से पूर्व स्वामी ने सती प्रसंग की विस्तार से व्याख्या की. उन्होंने कहा कि एक बार माता सती भगवान शंकर बिना बताये ही माता सीता का रूप धारण कर भगवान राम की परीक्षा लेने चली गयी, लेकिन भगवान श्रीराम ने उन्हें पहचान कर पूछ लिया हे माता आप अकेले कहां घूम रही हैं. जिसे सुन माता सती संकोच में पड़ गयी, लेकिन भगवान शंकर ने ध्यान लगाकर सती द्वारा भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने की बातें जान ली. संगीतमय श्रीराम कथा सुनने के लिए हर शाम बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो रही है. श्रीराम कथा के अमृत वर्षा में श्रद्धालु गोता लगा रहे है. कथावाचिका गौरी प्रिया जी के मुखारविंद से श्रीराम कथा सुन श्रद्धालु भाव-विभोर हो जा रहे है. शाम चार बजे से लेकर रात के आठ बजे तक श्रीराम कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही.
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