बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, खतरे के निशान से अभी है काफी दूर

पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण रविवार को बड़हिया कॉलेज गंगा गाट में मां गंगा प्रवेश कर गयी. जिससे बड़हिया गंगा घाट में जलस्तर बढ़ने लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2024 7:41 PM

बड़हिया. पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण रविवार को बड़हिया कॉलेज गंगा गाट में मां गंगा प्रवेश कर गयी. जिससे बड़हिया गंगा घाट में जलस्तर बढ़ने लगा है. रविवार को बड़हिया कॉलेज गंगा घाट में गंगा का पानी प्रवेश करने के बाद काफी लोगों ने बड़हिया गंगा घाट पहुंचकर मां गंगा का दर्शन एवं स्नान कर मन से आशीर्वाद लिया. बड़हिया में गंगा नदी के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से गंगा नदी के तटवर्ती इलाके खुशहाल टोला, बिंद टोली, खुटहा, जैतपुर तिरासी टोला सहित दर्जनों गांवों के लोगों में फिर से दहशत का माहौल है. तटवर्ती इलाके के लोगों की मानें तो यदि पानी बढ़ने की यही रफ्तार रही तो नीचे इलाके के लोगों को 10 से 15 दिनों के अंदर बाढ़ की समस्या झेलनी पड़ सकती है. रविवार की सुबह से बड़हिया कॉलेज गंगा घाट में जलस्तर तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. गंगा के बढ़ोतरी का रफ्तार यही रहा तो जल्द ही दियारा क्षेत्र में लगी हजारों एकड़ फसल डूब कर बर्बाद हो जायेगी. बताया जाता है कि ऐसे में बाढ़ आने पर तटवर्ती दियारा इलाके में भारी तबाही मच सकती है. इस साल भी क्षेत्र के हजारों एकड़ खेत में लगी फसल के नष्ट होने की संभावना बढ़ गयी है. ज्ञात हो कि पिछले वर्ष आयी भीषण बाढ़ ने क्षेत्र के करीब दर्जनों गांवों में भीषण तबाही मचायी थी. गंगा की बाढ़ के पानी से क्षेत्र के किसानों के हजारों एकड़ खेतों में लगी फसल, पशुचारा पूरी तरह नष्ट हो गयी थी. इस बर्बादी का खामियाजा अभी तक यहां के लोग भुगत रहे है और इससे उबर नहीं पाये है. गंगा व हरूहर नदी में जलस्तर में ऐसे ही बढ़ोतरी हुई तो लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी, अभी नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से दूर है. जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है, बाढ़ से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है. ग्रामीण रंजीत, नीरज यादव, सुबोध कुमार का कहना है कि गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण जीव जंतु गांव तक आ जाते हैं. इससे हर पल खतरे की आशंका रहती है. खासकर सांप या बिच्छू के काटने का खतरा ज्यादा रहता है. ग्रामीण कहते हैं कि हर साल गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से उन लोगों की फसलें डूब जाती हैं. बावजूद इसके स्थानीय व जिला प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया जाता है, यदि नदी के जलस्तर बढ़ेगा तो उन सबके लिए मुश्किलें खड़ी होंगी.

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