तिलहन के लिए मौसम है अनुकूल, लेकिन दलहन को हो सकता है नुकसान
जिले में दलहन एवं तिलहन की खेती को लेकर किसानों में कई तरह के ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है.
दलहन में हो सकता है पीला धब्बा, कृषि वैज्ञानिक के सलाह पर फसल का कर सकते हैं उपचार
लखीसराय. जिले में दलहन एवं तिलहन की खेती को लेकर किसानों में कई तरह के ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. दलहन एवं तिलहन की फसल को लेकर किसानों के द्वारा छिड़काव एवं कई तरह की चर्चाएं हो रही है. जिले के बड़हिया टाल क्षेत्र में दलहन की खेती इस बार भी जोर शोर से किया गया है, लेकिन इस माह में ठंड एवं शीतलहर कम होने के कारण भी फसल को नुकसान पहुंच सकता है. टाल क्षेत्र के दलहन फसल में शुरुआती समय में भी नुकसान पहुंच चुका है. जिसे बाद में दवा आदि का छिड़काव कर फसल को बचाया गया है. पौष माह में प्रायः शीतलहर की होती है. शीतलहर में दलहन एवं तिलहन के अलावा गेहूं की फसल लाभदायक होते हैं, लेकिन शीतलहर के बाद धूप के उगने से दलहन एवं तिलहन के फसल में फूल एवं फल नहीं आया है. जिससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है. तिलहन के फसल में कई जगह फल एवं फूल लग चुका है. समय पर बुआई वाले तिलहन फसल को नुकसान कम होगा. वहीं दलहन फसल को नुकसान होने की संभावना बनी हुई है.बोले वैज्ञानिक
पौध संरक्षण के सहायक निदेशक रीमा कुमारी ने बताया कि तिलहन फसल को लेकर कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता है. जबकि दलहन फसल के लिए यह नुकसान का मौसम है. इससे बचने के लिए कई उपाय हैं. किसान अपने खेत को हलकी सिंचाई कर सकते हैं या फसल के रोग के अनुसार कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेकर अपनी फसल में दवा का छिड़काव करेंगे. उन्होंने कहा कि फसल को बचाने को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है