लखीसराय. जिले के सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी बच्चों को दे दी गयी है. गर्मी की छुट्टी के दिन बच्चे का मनोरंजन स्थल नहीं होने के कारण उन्हें घर में ही बंद रहना पड़ता है. शहर में कोई पार्क नहीं होने के कारण महिला एवं बच्चों को मनोरंजन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. नगर परिषद के द्वारा एक एजेंसी के माध्यम से वर्षों से कृमिला पार्क का निर्माण कराया जाने को लेकर शहर वासियों को मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाया करते थे, लेकिन मुंगेरीलाल के हसीन सपने शहर वासियों के लिए साबित हुआ है. कृमिला पार्क के निर्माण के लिए नगर परिषद के द्वारा लाखों रुपये खर्च कर दिये गये, लेकिन कृमिला पार्क आज तक बनकर तैयार नहीं हुआ. बच्चे महिला एवं युवक शहर में कृमिला पार्क निर्माण की बात सिर्फ सुनते आये हैं, लेकिन पार्क अभी तक नहीं दिखाई दे रहा है. कृमिला पार्क का निर्माण अब पूरा होना संभव नहीं दिख रहा है. कृमिला पार्क का लगभग कार्य पूरा कर लिया गया था. पार्क की घेराबंदी समतलीकरण के अलावा अन्य कार्य वर्षों पूर्व ही किया गया है. अधिकारियों द्वारा कई बार कहा गया कि कृमिला पार्क निर्माण करने वाले एजेंसी को काली सूची में डाला जायेगा. यह भी किसी अधिकारी के द्वारा आज तक नहीं किया गया. कृमिला पार्क निर्माण के कार्य शुरू होने से अब तक आधा दर्जन कार्यपालक पदाधिकारी का तबादला भी हो चुका है, लेकिन कृमला पार्क अब तक निर्माण नहीं हो पाया है.
तत्कालीन डीएम अमरेंद्र कुमार की पहल पर परियां पोखर के समीप होना था पार्क निर्माण
तत्कालीन डीएम अमरेंद्र कुमार की पहल पर परिया पोखर के बगल में एक और पार्क का निर्माण कराया जाना था. इसके लिए तत्कालीन ईओ आशुतोष आनंद चौधरी के द्वारा तैयारी भी शुरू कर दी गयी थी. लाखों खर्च कर बाहर से मिट्टी मंगाकर पार्क निर्माण के लिए लाया गया था. जिसके बाद समतलीकरण का कार्य भी शुरू करा लिया गया था. अचानक उनका तबादला कर दिया गया. जिसके बाद निर्माण कार्य ठप पड़ गया. वहीं नप ईओ आदित्य कुमार के योगदान के कुछ दिन बाद ही उनका तबादला कर दिया गया. जिसके बाद वर्तमान के ईओ अमित कुमार आने के साथ ही लोकसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन कार्य में व्यस्त हो गये. अब पार्क निर्माण का कार्य पेंच में फंसने की बात कही जा रही है.
बोले अधिकारी
नगर प्रबंधक कुमार गौतम ने बताया कि उन्हें बताया गया है कि पार्क निर्माण का कार्य अब फॉरेस्ट विभाग को सौंप दी गयी है. फॉरेस्ट विभाग द्वारा ही पार्क का निर्माण कार्य कराया जाना है. नगर परिषद के द्वारा पहले पार्क निर्माण के लिए नगर आवास विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन नियम बदले जाने से नगर परिषद पार्क निर्माण कार्य से अलग हो सकते हैं.
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