इन्क्वास मानक से पिछड़े स्वास्थ्य केंद्र के प्रमुखों को दिया गया प्रशिक्षण

सदर अस्पताल के सभागार में सोमवार को सीएस डॉ. बीपी सिन्हा के अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 9, 2024 9:09 PM

लखीसराय. इन्क्वास कार्यक्रम के मानक पर खरा उतरने को लेकर जिले के चिन्हित कुल 20 स्वास्थ्य केंद्र के प्रमुख स्वास्थ्य कर्मियों के बीच सदर अस्पताल के सभागार में सोमवार को सीएस डॉ. बीपी सिन्हा के अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ सिविल सर्जन, डीपीएम सुधांशु नारायण लाल, डीएस डॉ राकेश कुमार, डीपीसी सुनील शर्मा आदि द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी 20 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर सह स्वास्थ्य उप केंद्र के इन्क्वास प्रमाणीकरण को लेकर चिन्हित केंद्र के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं एएनम को प्रशिक्षित किया गया. कार्यशाला का संचालन डीपीएम, डीपीसी एवं तकनीकी सहयोग सरिता बागे, प्रोग्राम मैनेजर, पिरामिल एवं सिदार्थ कुमार के माध्यम से किया गया. प्रशिक्षकों ने इन्क्वास चेकलिस्ट पर विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण दिया. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक इन्क्वास एक प्रमाणन कार्यक्रम है. जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुरू किया था. इसका मकसद बेहतर प्रदर्शन करने वाली सुविधा को पहचानना एवं सार्वजनिक रूप से अस्पताल के विश्वसनीयता को बढ़ाना है. इन्क्वास को लेकर मानक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा की जरूरत को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसके तहत केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक टीम अस्पतालों का मूल्यांकन करती है. मूल्यांकन के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए कम से कम सात मानक का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे सेवाएं, मरीज की संतुष्टि, क्लिनिकल सेवाएं, इनपुट, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सेवाएं, गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन, आउटपुट मूल्यांकन में पास होने वाले अस्पताल को भारत सरकार गुणवत्ता प्रमाण पत्र देता है. इन्क्वास के तहत, हर सुविधा का साल में कम से कम एक बार मूल्यांकन किया जाता है. अगर कोई सुविधा राज्य द्वारा प्रमाणित हो जाता है और लगातार अच्छा अंक हासिल करता है, तो वह राष्ट्रीय मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकता है. कार्यशाला के दौरान चेकलिस्ट में वर्णित इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन, दस्तावेजीकरण, आउटकम, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन इत्यादि पर प्रशिक्षित किया गया. मौके पर चिन्हित स्वास्थ्य केंद्र खावा, जानकीडीह, गोपालपुर, मननपुर, वलीपुर, राहटपुर, भवानीपुर, कोनिपार, तेतरहाट, रामनगर बरतारा, बिल्लो, गढ़ीबिशनपुर, बेलौरी, रेहूआ, दरियापुर, सहजादपुर, बिरुपुर, तरहारी, बहछा एवं सांडमाफ के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी एवं एएनम मौजूद थे.

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