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सात कमरे के भवन में एक साथ दो स्कूलों का हो रहा संचालन

सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार के मूड में है लेकिन विद्यालयों में समस्याएं कम होती नहीं दिख रही हैं. कहीं विद्यालय भवन की स्थिति ठीक नहीं है तो कहीं भवन का ही अभाव है.

सूर्यगढ़ा. सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार के मूड में है लेकिन विद्यालयों में समस्याएं कम होती नहीं दिख रही हैं. कहीं विद्यालय भवन की स्थिति ठीक नहीं है तो कहीं भवन का ही अभाव है. व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार द्वारा जो भी राशि खर्च की जा रही है. उसमें व्यापक पैमाने पर लूट-खसोट किया जा रहा है. सोमवार 27 मई को प्रभात खबर प्रतिनिधि ने सूर्यगढ़ा शिक्षांचल के उत्क्रमित मध्य विद्यालय खांड़पर में व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उक्त विद्यालय में जगह की काफी कमी है. छोटे से जगह में सात कमरों के इस विद्यालय में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय सहनी टोला को भी टैग कर चलाया जा रहा है. विद्यालय प्रधान कपिल देव प्रसाद, शिक्षक विनय कुमार, शिक्षिका उर्मिला कुमारी आदि ने बताया कि दोनों विद्यालयों को अलग-अलग समय में संचालित किया जाता है. अभी सभी विद्यालयों में सुबह की कक्षाएं लग रही हैं. इसलिए दोनों विद्यालयों को एक साथ चलने को मजबूर होना पड़ रहा है. विद्यालय में कक्षा आठ तक के बच्चों की पढ़ाई होती है लेकिन अभी विद्यालय में मात्र सात कमरे ही उपलब्ध हैं. इन्हीं सात कमरे में दो विद्यालयों का संचालन हो रहा है. शिक्षकों ने बताया कि बारिश के दिनों में विद्यालय भवन की छत से पानी टपकता है. छत जर्जर हो चुकी है. छत पर बारिश का पानी जमा हो जाता है.

जगह की कमी से हो रही है परेशानी

विद्यालय में जगह की कमी से विद्यालय संचालन में काफी परेशानी हो रही है. नया भवन बनाने के लिए विद्यालय में जगह उपलब्ध नहीं है. पुराना भवन भी जर्जर हो चुका है. जिसे ध्वस्त कहीं दो मंजिला भवन बनाया जा सकता है. जगह की कमी के कारण विद्यालय के बच्चों को खेलकूद का अवसर प्राप्त नहीं हो पाता.

एक छोटे से जर्जर कमरे में हो रहा है ऑफिस का संचालन

विद्यालय प्रधान कपिलदेव प्रसाद ने बताया कि अभी जो छोटे से जर्जर कमरे में विद्यालय ऑफिस का संचालन हो रहा है, वह कमरा भी किचन का है. इसी छोटे से कमरे में किसी तरह ऑफिस का संचालन किया जा रहा है. विद्यालय में कुल 194 बच्चे नामांकित हैं. विद्यालय में विद्यालय प्रधान सहित कुल आठ शिक्षक पदस्थापित हैं. इनमें से चार शिक्षक नियमित एवं चार नियोजित शिक्षक हैं.

किचन शेड की है आवश्यकता

विद्यालय के एक पुराने भवन को किसी तरह किचन शेड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. शिक्षकों के मुताबिक विद्यालय में किचन शेड के नितांत आवश्यकता है.

बोरिंग करने में हुई लूट-खसोट

विद्यालय में एक माह पूर्व बोरिंग कराया गया है. विद्यालय प्रधान एवं शिक्षकों ने बताया कि संबेदक द्वारा मात्र 130 फीट ही बोरिंग किया गया. नियमों के मुताबिक 300 फीट से अधिक बोरिंग होना था.

कहते हैं विद्यालय प्रधान कपिलदेव प्रसाद

विद्यालय में ऑफिस के लिए कमरा उपलब्ध नहीं है. किचन शेड भी उपलब्ध नहीं है. जगह की कमी के कारण विद्यालय संचालन में परेशानी होती है. समस्याओं को लेकर कई बार विभाग के वरीय पदाधिकारी को शिकायत की गयी है. विद्यालय में एक माह पूर्व ही बोरिंग कराया गया, लेकिन 130 फीट ही बोरिंग किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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