लखीसराय. सदर अंचल कार्यालय में राजस्व कर्मचारी की कमी के कारण अंचल के कार्य में बाधा आ रही है. राजस्व कर्मचारी की कमी का खामियाजा सदर अंचल के अंचलाधिकारी को भुगतना पड़ रहा है. जिन लोगों का कार्य पेंडिंग हुआ है वे सब अंचलाधिकारी या कर्मचारी को ही कोसते नजर आते हैं. सदर अंचल में राजस्व कर्मचारी के साथ-साथ कार्यालय कर्मियों की कमी के कारण कई कार्य पेंडिंग पड़े हुए हैं. अधिकारी बिना राजस्व कर्मचारी का कार्य को आगे बढ़ा भी नहीं सकते हैं. एक-एक कर्मचारी की जिम्मेदारी कई पंचायत को सौंपी गयी है. सदर अंचल में कुल 10 पंचायत एवं एक नगर परिषद के राजस्व कार्य को मात्र दो राजस्व कर्मचारी कार्य को संभाल रहे हैं. जिसके कारण राजस्व अधिकारी एवं अंचलाधिकारी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अंचल कार्यालय में कई कार्यों का निबटारा करना होता है. जिसमें दाखिल खारिज, परिमार्जन एवं पैमाइश को महत्वपूर्ण माना जाता है. राजस्व कर्मचारी के साथ-साथ अभी तक एक नगर परिषद और 10 पंचायत को एक अंचल अमीन को पैमाइश का सारा कार्य देखना पड़ता है. अमीन को प्राइवेट पैमाइश के अलावे शहर में सरकारी बिल्डिंग आदि बनाने के लिए भी पैमाइश करना होता है. हालांकि अमीन की संख्या बढ़ाने की बात कही जा रही है. अंचल कार्यालय में दो और अंचल अमीन नियुक्त किया जायेगा.
दो-तीन माह पूर्व चार राजस्व कर्मचारी होने से नहीं होती थी समस्या
दो-तीन माह पूर्व सदर अंचल में कुल चार राजस्व कर्मचारी को नियुक्त किया गया था. जिसमें एक राजस्व कर्मचारी को किसी कारणवश जेल की हवा खानी पड़ी थी. जेल से छूटने के बाद उन्हें नियमानुसार सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं एक राजस्व कर्मचारी जयकुमार सिंह का कानूनगो पद पर प्रोन्नति हो जाने के बाद उनका तबादला दूसरे शहर में कर दिया गया है. वर्तमान में दो राजस्व कर्मचारी छह और चार पंचायत के अलावा एक नगर परिषद के राजस्व कार्य को देख रहे है. कार्य निपटारा नहीं होने पर लोग अंचल की समस्या को नहीं समझ पाते हैं और कर्मचारियों को खरी खोटी सुनना पड़ता है.जमीन की दाखिल खारिज, परिमार्जन, जमीन की पैमाइश, पारिवारिक सूची अंचल कार्यालय का है मुख्य कार्य
अंचल कार्यालय में अधिकांश लोग जमीन का दाखिल खारिज, पैमाइश, परिमार्जन, पारिवारिक सूची आदि के लिए ही पहुंचते हैं. इन सभी चीजों का निष्पादन एक चैनल से होता है. जिसमें एक महीना तक का समय भी दिया जाता है, लेकिन राजस्व कर्मचारियों के कमी के कारण एक माह से भी अधिक दिनों तक लोगों को अंचल कार्यालय का चक्कर काटना पड़ता है. अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के मामलों की बात की जाय तो सदर आंचल में 1749 दाखिल खारिज का मामला पेंडिंग है. जबकि 33 हजार से अधिक दाखिल खारिज का मामला का निष्पादन किया गया है. वहीं परिमार्जन का दो हजार मामला पेंडिंग बताया जा रहा है एवं पैमाइश के एक सौ से अधिक मामला अभी तक लंबित है. जिसका निष्पादन तीन-चार चैनल के बाद ही अंचलाधिकारी द्वारा किया जाता है.बोले अधिकारी
एडीएम सुधांशु शेखर ने कहा कि अंचल कार्यालय में राजस्व कर्मचारी की कमी है. जिसे पूरा करने की कोशिश की जा रही है. इधर, सीओ सुप्रिया आनंद ने बताया कि जिला मुख्यालय से राजस्व कर्मचारी की मांग की गयी है. सदर अंचल में कुल 11 राजस्व कर्मचारी की जरूरत है, लेकिन पांच से छह तक राजस्व कर्मचारी के रहने पर कार्यक्रम के निष्पादन में समस्या उत्पन्न नहीं होगा. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में उन्हें दो और अंचल अमीन मिल जायेगा. जिससे काफी हद तक पैमाइश समस्या का समाधान हो जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है