जल ही जीवन है, जल ही हमारा भविष्य के नारे लगा संचयन का दिया संदेश
छात्र-छात्राओं द्वारा जन जागरण को लेकर पथ संचलन, नुक्कड़ नाटक, भाषण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन
प्रतिनिधि, लखीसराय. जिले के प्रसिद्ध बालिका विद्यापीठ के प्रांगण में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जल शक्ति अभियान कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं द्वारा जन जागरण को लेकर पथ संचलन, नुक्कड़ नाटक, भाषण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. बता दें कि इस कार्यक्रम की शुरुआत विगत सात मई मंगलवार को पोस्टर प्रदर्शनी, भाषण, गीत संगीत व नृत्य के माध्यम से किया गया था. कार्यक्रम में बच्चों की सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक शिक्षकों ने विद्यालय स्तर पर कक्षा आठवीं से कक्षा 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के बीच विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की. इसमें निबंध लेखन, कविता वाचन, पोस्टर निर्माण, क्विज, अभिनय प्रदर्शनी शामिल था. इसके लिए स्कूल के 75 बच्चों का चयन किया गया. इसमें आठवीं व नवमी के छात्र-छात्राओं ने पोस्टर बैनर का निर्माण पुनीत कुमार के नेतृत्व में किया. पोस्टर बैनर का विषय वस्तु जल दूत को निर्देशित करते हुए जल संचयन, उचित भंडारण, पुन: उपयोग व पुनर्चक्रण को रेखांकित करना था. वर्ग नवम व दशम की छात्र-छात्राएं कुमार दीपक के निर्देशन में पथ संचलन की रूपरेखा तैयार कर सहभागिता सुनिश्चित की. वहीं वर्ग 11वीं व 12वीं की छात्र-छात्राएं राजेश कुमार के नेतृत्व में जलशाला व जलदूत कार्यक्रम के लिए विद्यालय प्रांगण का भ्रमण किया. मौके पर विद्यालय की प्राचार्य कविता सिंह ने बताया कि बच्चों के समूह के द्वारा पुन: विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इसमें पथ संचलन की शुरुआत विद्यालय प्रांगण से किया गया. जहां से बच्चे हाथों में बैनर, पोस्टर, प्ले कार्ड लेकर नारा लगाते हुए विद्यालय प्रांगण से शहर के विद्यापीठ चौक की ओर अग्रसर हुए. उन्होंने बताया कि सामाजिक शास्त्र के शिक्षक-शिक्षिकाओं व अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पथ निर्देशित व नियंत्रण का कार्य किया. इसमें शहरवासियों ने भी संपूर्ण सहयोग दिया. उत्साहित बच्चे माइक के माध्यम से ‘जल ही जीवन है, जल ही हमारा भविष्य’ जैसे नारों के साथ लोगों की चेतना को उद्वेलित करते रहे. इसके बाद बच्चे यशोदा कांप्लेक्स में एक जगह एकत्रित होकर नुक्कड़ नाटक, हिंदी व अंग्रेजी में भाषण के माध्यम से जल संचयन की बात रखी. इसने लोगों के उत्साह और कौतूहल को बढ़ाने का काम किया. जल दूत के संवाहक के रूप में कक्षा दशम के छात्र तन्मय ने अंग्रेजी में व कक्षा नवम के छात्र राम अभिषेक ने हिंदी में अपना स्पष्ट संदेश लोगों के बीच रखा. संगीत शिक्षक गौरव कुमार के निर्देशन में छात्रावास की छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया. इस दौरान स्थानीय दुकानदारों ने बच्चों को पेयजल उपलब्ध कराया. इसके बाद बच्चे वापस विद्यालय पहुंचे. प्राचार्य ने बताया कि जलदूत कार्यक्रम के तहत विद्यालय के छात्र व छात्राएं समाज शास्त्र शिक्षक राजेश कुमार चौधरी, दीपक कुमार, पुनीत कुमार, नैना पासवान, सृष्टि कुमारी के नेतृत्व में जलशाला का भ्रमण की. उन्होंने कहा कि बालिका विद्यापीठ के प्रांगण में जलशाला की विविधता विद्यालय स्थापना के साथ ही देखी जा सकती है. इसमें वर्षा जल संचय, भंडारण व भूमिगत जल पुन:स्थापन की समुचित व्यवस्था है. इन मूल्यों को शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को विस्तारपूर्वक समझाया और बच्चे उत्सुक होकर जल संरक्षण के प्रति विद्यालय प्रांगण की व्यवस्था के लिए कृतज्ञता महसूस कर रहे थे. बच्चों ने भी संपूर्ण चेतना के साथ जलदूत के रूप में बैनर, पोस्टर, प्लेकार्ड को सुसज्जित कर जन चेतना को आंदोलन का रूप देने का सफल प्रयास किया. इसे अनुशासित ढंग से पूरा करने में पीटीआइ शिक्षक विभूति, आशीष कुमार, अक्षय कुमार व सुनीता वर्मा का पूरा सहयोग रहा.
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