महिला एशियन हॉकी चैंपियनशिप ट्रॉफी पहुंचा लखीसराय
महिला एशियन हॉकी चैंपियनशिप ट्रॉफी गौरव यात्रा रथ बुधवार को लखीसराय के बालिका विद्यापीठ एवं लाली पहाड़ी बौद्ध सर्किट पहुंचने पर बैंड-बाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया.
लखीसराय. महिला एशियन हॉकी चैंपियनशिप ट्रॉफी गौरव यात्रा रथ बुधवार को लखीसराय के बालिका विद्यापीठ एवं लाली पहाड़ी बौद्ध सर्किट पहुंचने पर बैंड-बाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया. डीएम मिथिलेश मिश्र एवं जिला खेल पदाधिकारी मृणाल रंजन ने ट्रॉफी टूर रथ को गर्मजोशी से स्वागत किया. ट्रॉफी गौरव यात्रा यहां संध्या चार बजे बालिका विद्यापीठ पहुंची. जहां छात्राओं ने स्वागत गीत की प्रस्तुति दी. डीएम एवं खेल पदाधिकारी, इतिहासकार रजनीश राज, बालिका विद्यापीठ की प्राचार्य कविता सिंह ने ट्रॉफी टूर गौरव रथ स्वागत के बाद बारी-बारी से हॉकी बॉल को किक लगा कर आगे बढ़ाया. इसके बाद रथ को थाना चौक के पास प्रज्ञा विद्या विहार पब्लिक स्कूल के निदेशक रंजन कुमार के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया तथा पर स्कूली छात्रों रथ पर पुष्प वर्षा की गयी. इसके बाद ट्रॉफी टूर गौरव यात्रा बौद्ध सर्किट लाली पहाड़ी पहुंचने पर वहां नाथ पब्लिक स्कूल के प्रबंधक नाथ अमिताभ, प्राचार्य विनीता सिन्हा, शिक्षक विद्या सागर व बिंदु कुमारी के साथ स्कूल की छात्र-छात्राओं ने डीएम व अन्य अधिकारियों पर फूलों की बरसात की. यहां नाथ पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने गौरव रथ और जय बिहार गौरव गान गीत की प्रस्तुति दी. बौद्ध सर्किट पर डीएम एवं खेल पदाधिकारी ने हॉकी बॉल को किक लगाया. यहां भी बच्चों और खिलाड़ियों के साथ फोटो सेशन किया. गौरव रथ को डीएम ने हलसी प्रखंड के रास्ते जमुई जिला के लिए रवाना कर दिया.
सात सरोकारों के प्रति अडिग हैं जिलाधिकारी
लखीसराय. अपने सात सरोकारों को धरातल पर उतारने के लिए लखीसराय के डीएम मिथलेश मिश्र अडिग हैं. इसको लेकर हर दिन वे खुद से लोगों को जागरूक करने में लगे हैं. बुधवार को भी उन्होंने स्थानीय बालिका विद्यापीठ के प्रेक्षागृह में बच्चों सीनियर बच्चों के साथ संवाद किया। उसे 21 साल बाद शादी करने लिए प्रेरित किया. उसे जागरूक किया और शपथ भी दिलायी. उन्होंने कहा कि सामुदायिक सहयोग से एक पेड़ बेटी के नाम, बेटियों की शादी 21 साल बाद हो और एक नेक संस्थान एक सुंदर स्थान बने. समाज और परिवार सुधार के लिए उनका सबसे बड़ा जागरूकता अभियान साबित होगा. डीएम ने बुधवार को फिर दोहराया कि हर महीने के पहले संडे को दिन के एक बजे उनका समय खेल, खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों के नाम समर्पित है. उन्होंने दूसरे संडे को 2 बजे साहित्य, संगीत व नृत्य प्रेमियों के लिए समर्पित किया है. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी लगे छात्र-छात्राओं के लिए तीसरा संडे तीन बजे और चौथा और अंतिम संडे 4 बजे बुजुर्गों एवं दिव्यांगों के सेवार्थ समर्पित है. यह जागरूकता अभियान डीएम के जीवन का लक्ष्य बन गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि बेटियों की शादी यदि 21 साल बाद हो तो वह उसके जिंदगी के लिए सबसे बड़ा गहना (ऑर्नामेंट) साबित होगा, वह उद्यमी होगी. उसके दांपत्य जीवन की डोर अटूट होगी.
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