बाल संरक्षण व महिला उत्पीड़न विषय पर कार्यशाला
समाहरणालय स्थित महिला एवं बाल विकास निगम कार्यालय के सभागार में सोमवार को बाल संरक्षण उन्मुखीकरण सह कार्यस्थल पर महिला के लैंगिक उत्पीड़न से बचाव से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया.
लखीसराय. समाहरणालय स्थित महिला एवं बाल विकास निगम कार्यालय के सभागार में सोमवार को बाल संरक्षण उन्मुखीकरण सह कार्यस्थल पर महिला के लैंगिक उत्पीड़न से बचाव से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया. महिला एवं बाल विकास निगम व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान परियोजना के अंतर्गत हुए आयोजन में जनप्रतिनिधि, महिला सुपरवाइजर, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी के साथ विकास मित्र शामिल हुए. आरिफ हुसैन ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांच के अनुसार जिले में बाल विवाह दर सबसे अधिक होना चिंताजनक है. बाल विवाह के प्रति समुदाय सजग होता तो इतना बड़ा आंकड़ा नहीं दिखता. बाल विवाह, बाल श्रम और बाल व्यापार के रोकथाम के लिए जिला स्तरीय ठोस समन्वय की जरूरत है, ताकि बाल संरक्षण पद्धति को मजबूत एवं सुदृढ़ किया जा सके. महिला एवं बाल विकास निगम के जिला परियोजना प्रबंधक डॉ मनोज कुमार सिन्हा द्वारा कार्यस्थल पर महिला का लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित अधिनियम पर विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया. केंद्र प्रशासक पूनम कुमारी ने बताया कि कार्यस्थल पर महिला के उत्पीड़न को रोकने के लिए पोश अधिनियम को लाया गया है, ताकि महिलाएं कार्यस्थल पर निर्भीक होकर कार्य कर सकें. इसके अलावा आंतरिक व स्थानीय समिति के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दिया गया. मौके पर हब के जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार, पिपरिया प्रखंड कल्याण पदाधिकारी गौतम कुमार, अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी सुधीर कुमार, समन्वयक सत्यप्रकाश, साक्षरता विशेषज्ञ अमित कुमार, वन स्टाप सेंटर के निभा कुमारी, नूतन कुमारी के अलावा हब और वन स्टॉप सेंटर के कर्मी सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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