महज दो घंटे में ही चार हजार कमाई कर लेती थी लाली, ड्रग्स के साथ महिला तस्कर गिरफ्तार

पुलिस ने जब लाली से पूछताछ की, तो उसने बताया कि पति ड्रग्स लाता था और वह उसे बेचती थी. पति-पत्नी वर्षों से ड्रग्स तस्करी का धंधा करते आ रहे हैं. डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि चीना कोठी में एक दंपति घर में रह कर ड्रग्स तस्करी का धंधा कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2023 9:14 PM

पटना. बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस ने चीना कोठी इलाके में छापेमारी कर महिला ड्रग्स तस्कर लाली को गिरफ्तार किया है. वहीं, मौके से लाली का पति फरार हो गया. गिरफ्तार आरोपित महिला के पास से स्मैक की पांच पुड़िया बरामद हुई है. पुलिस ने जब लाली से पूछताछ की, तो उसने बताया कि पति ड्रग्स लाता था और वह उसे बेचती थी. जानकारी के अनुसार पति-पत्नी वर्षों से ड्रग्स तस्करी का धंधा करते आ रहे हैं. डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि चीना कोठी में एक दंपति घर में रह कर ड्रग्स तस्करी का धंधा कर रहे हैं.

गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने की छापेमारी

गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर पत्नी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि पति मौके का फायदा उठा कर फरार हो गया. पूछताछ के दौरान महिला तस्कर ने बताया कि दो घंटे में चार हजार रुपये से अधिक की अवैध कमाई करती है. इसमें दो हजार रुपये लिपस्टिक और ड्रेस पर खर्च करती है. 250 रुपये का पुड़िया 350 से 400 तक में बेचती है. प्रत्येक दिन 40 से अधिक पुड़िया बेच लेती है. मिली जानकारी के अनुसार पति की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई इलाकों में छापेमारी की है.

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बिहार में बढ़ रहा है ड्रग का कारोबार

बिहार में धीरे-धीरे नशे का कारोबार गली-मुहल्लों से लेकर स्कूल कॉलेजों के आस-पास फैलने लगा है. गांजे से शुरू हुई नशे की यह लत अब धीरे-धीरे स्मैक व ब्राउन शुगर तक पहुंच रही है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान बिहार पुलिस और पटना जोन के नारकोटिक्स ब्यूरो में दर्ज इससे जुड़े मामले और बढ़ी गिरफ्तारियां इसकी पुष्टि करती हैं. इन मामलों में पुलिस छोटे-छोटे ड्रग पैडलरों पर फोकस कर रही है, लेकिन बड़े कारोबारी अब तक गिरफ्त से बाहर हैं. शहर के नामचीन स्कूलों के इर्दगिर्द नशा कारोबारियों का गिरोह सक्रिय है. हालत यह है कि गली मुहल्लाें से लेकर अब स्कूली छात्रों तक नशे का जहर फैलता जा रहा है.

साल अब तक कुल 4874.62 किलो गांजा जब्त

बिहार में अवैध मादक पदार्थों की जब्ती के मामले और गिरफ्तारियों की संख्या हर साल बढ़ रही है. बिहार पुलिस ने इस साल अब तक कुल 4874.62 किलो गांजा और 13.83 किलो चरस जब्त किया है. इससे जुड़े मामलों की निगरानी को लेकर विभाग ने इओयू के अंतर्गत ही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया है. जब्त मादक पदार्थों के सुरक्षित रखरखाव को लेकर सभी जिलों में 46 डबल लॉक सेफ स्टोरेज का संचालन किया जा रहा है.

नेपाल के रास्ते होता है कारोबार

पुलिस सूत्रों के मुताबिक बिहार में पूर्वोत्तर के राज्यों से लेकर पड़ोसी देश नेपाल, मुंबई व कोलकाता के ड्रग डीलरों का नेटवर्क फैला है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना जोन के आंकड़ों बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार ओपियम और हशीश जैसे ड्रग्स की जब्ती मामले में देश में अव्वल, जबकि गांजा जब्ती में आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर रहा है. खास कर 2015 में शराबबंदी से पहले बिहार में हशीश जैसे मादक पदार्थ की कोई जब्ती नहीं हुआ करती थी, लेकिन 2017 में यह 244 किग्रा बरामद हुआ. 2015 में जब्त 1.7 किग्रा ओपियम की मात्रा 2019 अगस्त तक बढ़ कर 323 किग्रा तक पहुंच गयी. मादक पदार्थों की खपत पटना के साथ गोपालगंज, किशनगंज, पूर्णिया आदिजिलों में अधिक है.

नशा उन्मूलन केंद्रों में पहुंच रहे नाबालिग

नशा उन्मूलन केंद्रों के संचालक बताते हैं कि नशे की लत के शिकार 13-14 साल के बच्चे भी केंद्र पहुंच रहे हैं. इनमें किसी को ड्रग्स की आदत है तो किसी को ब्राउन शुगर की. नशे की दवाओं के साथ इंजेक्शन भी लिया जा रहा है. नशे के आदी युवा अपनी इस लत को पूरा करने के लिए दवाओं के ओवरडोज का भी सहारा लेते हैं. जीएम रोड के दुकानदार बताते हैं कि ज्यादातर युवा और टिनएजर दर्दनिरोधक दवाएं मसलन पेट दर्द में दी जाने वाली ऐना फोर्टिन, डायलोन आदि का ओवरडोज इस्तेमाल करते हैं. इसलिए बिना डाक्टर की पर्ची के इन्हें दवाइयां नहीं दी जाती.

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