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लालू प्रसाद अभी बने रहेंगे RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अक्टूबर में होगा दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन

अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा है कि अभी पार्टी में किसी प्रकार का सांगठनिक फेरबदल नहीं होने जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2022 4:55 PM

पटना. लालू प्रसाद यादव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे. तमाम अटकलों को खारिज करते हुए पार्टी नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा है कि अभी पार्टी में किसी प्रकार का सांगठनिक फेरबदल नहीं होने जा रहा है. अक्टूबर में पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा, उसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा.

इससे पूर्व गुरुवार को राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना के होटल मौर्य में हुई. पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कार्यकारिणी का उद्घाटन किया है. इस मौके पर उनके साथ छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा बड़ी बेटी मीसा भारती और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहे हैं.

इस दौरान एलान किया गया कि पूरे बिहार में राजद का 26 फरवरी से सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. सदस्यता अभियान 20 जून 2022 तक चलेगा. वहीं राज्य कार्यकारिणी का चुनाव 22 सितंबर को होगा. वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अक्टूबर में होगी. पंचायत, प्रखण्ड, जिला संगठन चुनावों की तिथि भी तय कर दी गयी है. आज के कार्यकारिणी की बैठक में अगले राष्ट्रीय परिषद के कार्यक्रम का निर्धारण किया गया.

राजद महासचिव अब्दुल बारी सिद्धिकी ने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन 1 अक्टूबर को राजद के नये अध्यक्ष का चुनाव होगा. अब्दुल बारी सिद्दकी ने कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद हमेशा स्वास्थ रहे. ताकि गरीबो और जरूरतमंदों को न्याय मिलता रहे. साथ ही सिद्दकी ने कहा वो दिन आएगा जब सारी राजनीति आरजेड़ी के इर्द-गिर्द घूमेगी.

इससे पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए अशफाक करीम ने कहा कि तेजस्वी लालू दोनों वैचारिक रास्ते पर मजबूती से चल रहे हैं, वो वक्त जल्द आएगा, जब तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. पिछले सभी गलतियों को भूलकर आगे बढ़ने की जरूरत है. सरकार बनाने के लिए पिछले बातों से सबक लेना होगा.

वहीं शिवानंद तिवारी ने संबोधन करते हुए कहा कि नीतीश कुमार महात्माकी बात करते है. आज गांधी को गाली दी जा रही है पर वो चुप है. यह राजनीति की नपुंसकता है. साथ ही कहा कि तेजस्वी ने चुनाव में जो मुद्दा उठाया वो सराहनीय है. सभी दलों को चुनाव में इसी मुद्दे पर आना पड़ा. आज बेरोजगारी की समस्या ज्वालामुखी की तरह है. इस विषय को बढ़ाकर ही राजनीति की जानी चाहिए. तेजस्वी को आगे बढ़कर बिहार में आंदोलन चलाना चाहिए.

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