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कॉन्सपिरेसी, करप्शन और कोर्ट… आखिर सबकुछ करके जेल से बाहर होंगे लालू यादव

लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav News) के खिलाफ चारा घोटाले (Fodder Scam) से संबंधित झारखंड में कुल पांच मामले चल रहे थे. कुल तीन अलग अलग मामलों में पहले ही लालू को जमानत (Lalu Yadav Bail) दी जा चुकी है. आज चौथे मामले में जमानत मिल गई. वहीं पांचवां मामला डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का है जिसपर सीबीआई कोर्ट में सुनवाई अभी जारी है.

कॉन्सपिरेसी, करप्शन और कोर्ट… आखिर सबकुछ करके भी जेल से बाहर आने का रास्ता निकाल ही लिया राजनीति के बब्बर शेर लालू यादव ने. हम बात कर रहे हैं बिहार ही नहीं देश के बड़े घोटालों में से एक चारा घोटाले और षड्यंत्रकारी राजेडी सुप्रीमो लालू यादव की.

लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले से संबंधित झारखंड में कुल पांच मामले चल रहे थे. कुल तीन अलग अलग मामलों में पहले ही लालू को जमानत दी जा चुकी है. आज चौथे मामले में जमानत मिल गई. वहीं पांचवां मामला डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का है जिसपर सीबीआई कोर्ट में सुनवाई अभी जारी है. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने जब आज लालू प्रसाद को जमानत दी तो कुछ शर्तें भी रख दीं. जैसे लालू यादव को एक लाख का निजी मुचलका, दस लाख रुपये बतौर जुर्माना जमा करना होगा. इसके अलावा वो विदेश भी नहीं जा सकते हैं और अपना पासपोर्ट उनको जमा करना होगा. साथ ही मोबाइल नंबर और पता भी राजेडी सुप्रीमो को नहीं बदलने का निर्देश दिया गया है.

आइए जानते हैं चारा घोटाले और लालू यादव के 25 सालों के सफरनामे पर:::

  • जनवरी 1996: चारा घोटाले का सबसे पहले खुलासा हुआ जब पशुपालन विभाग, चाईबासा के डिप्टी कमिश्नर अमित खरे ने छापेमारी की.

  • मार्च 1996: बिहार और झारखंड जब एक ही राज्य हुआ करते थे तब जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गई और पहला मामला दर्ज किया गया.

  • जून 1997: सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में पहली बार लालू प्रसाद यादव को मुख्य आरोपी बनाया.

  • जुलाई 1997: चार्जशीट में नाम आने के बाद और विपक्षी पार्टियों के दबाव के बाद लालू यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और राबड़ी देवी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया.

  • जुलाई 1997: मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के फौरन बाद ही लालू यादव ने सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

  • अप्रैल 2000: जांच आगे बढ़ी और राबड़ी देवी का भी नाम इस घोटाले में सामने आया हालांकि कोर्ट ने उनको जमानत दे दी.

  • अक्टूबर 2001: बिहार से जब झारखंड अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ तो लालू यादव सहित चारा घोटाले का पूरा केस झारखंड हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया.

  • फरवरी 2002: चारा घोटाला मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने ट्रायल शुरू कर दिया.

  • दिसंबर 2006: लालू यादव और राबड़ी देवी को लोअल कोर्ट ने इसी से जुड़े एक मामले में दोषमुक्त करार दिया. मामला आय से अधिक संपत्ति का था.

  • मार्च 2012: सीबीआई ने चारा घोटाले में अपना शिकंजा टाइट करते हए लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ कई आरोप लगाए.

  • सितंबर 2013: चारा घोटाले के 6 मामलों में से एक के लिए निचली अदालत ने लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा सहित 45 अन्य लोगों को दोषी पाया. लालू को रांची जेल जाना पड़ा और उन्हें लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराते हुए उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया.

  • दिसंबर 2013: चारा घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को जमानत दे दी.

  • मई 2017: चारा घोटाले में सुनवाई फिर शुरू हुई और सुप्रीम कोर्ट ने देवघर ट्रेजरी केस में अलग से सुनवाई का आदेश जारी किया.

  • 23 दिसंबर 2017: सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव और 15 अन्य को चारा घोटाले में दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया. लालू को चारा घोटाले के 6 मामलों में से 4 में दोषी पाया गया.

चारों केस में मिल गयी जमानत 

चारा घोटाले से जुड़े कुल चार मामलों में जेल की सजा काट रहे लालू यादव को तीन मामलों में पहले ही झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी. सिर्फ दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में इन्हें जमानत नहीं मिली थी. आज हाईकोर्ट ने इन्हें इस मामले में भी जमानत दे दी. इन्हें चाईबासा के दो मामले और देवघर के एक मामले में जमानत पहले ही मिल चुकी थी.

डोरंडा कोषागार मामले में जारी है सुनवाई

चार मामलों में जमानत के बाद भी लालू की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. फिलहाल वे जमानत पर जेल से बाहर तो आ जायेंगे, लेकिन चारा घोटाले के सबसे बड़े और पांचवें मामले (डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी) में रांची की विशेष सीबीआइ अदालत में सुनवाई चल रही है. इस मामले में भी लालू के खिलाफ फैसला आ सकता है और वे एक बार फिर जेल जा सकते हैं.

करीब 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में मिली जमानत

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को चारा घोटाला के दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत दे दी. अदालत ने लालू प्रसाद को पांच-पांच लाख रुपए जुर्माना राशि जमा करने और 1-1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद हिरासत में बितायी गयी अवधि को देखते हुए जमानत दे दी. अब ये जेल से बाहर आ जायेंगे. फिलहाल वे दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे हैं. अदालत ने लालू प्रसाद को पासपोर्ट जमा कराने, अपना फोन नंबर और पता नहीं बदलने आदि शर्तें भी लगायी हैं. यह मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े आरसी- 38ए/96 से संबंधित है. करीब 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला है.

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