लालू यादव 10 घंटे बाद आये बाहर, जमीन के बदले नौकरी मामले में ईडी ने पूछे 50 सवाल
कहा जा रहा है कि पिछले 10 घंटे में उनसे करीब 50 सवाल और उसके पूरक प्रश्न पूछे गये. अधिकतर सवालों का लालू प्रसाद ने बेबाक तरीके से जवाब दिया है. पूछताछ में हो रही देरी और कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए वहां अर्धसैनिक बल को तैनात कर दिया गया था.
पटना. जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में आरोपों को लेकर ईडी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से पूछताछ की है. 10 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद राजद सुप्रीमो ईडी कार्यालय से बाहर आ गये हैं. कहा जा रहा है कि पिछले 10 घंटे में उनसे करीब 50 सवाल और उसके पूरक प्रश्न पूछे गये. अधिकतर सवालों का लालू प्रसाद ने बेबाक तरीके से जवाब दिया है. पूछताछ में हो रही देरी और कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए वहां अर्धसैनिक बल को तैनात कर दिया गया था. ईडी कार्यालय से निकलने के बाद लालू प्रसाद सीधा राबड़ी आवास की ओर रवाना हो गये.
लालू पैदल ही गये अंदर
इससे पूर्व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को पटना में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचे. ईडी ऑफिस के बाहर लालू यादव को आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा. इसके बाद उनकी गाड़ी में इंतजार करने के बाद लालू यादव को पैदल ही ईडी कैंपस में जाना पड़ा. राजद सुप्रीमो के साथ उनकी बेटी मीसा भारती भी मौजूद थीं.
मीसा ने लाया घर से खाना
वे सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजकर 5 मिनट पर ईडी कार्यालय पहुंचे. ईडी कार्यालय में लालू यादव को प्रवेश करवाने के कुछ देर बाद वह अपनी मां राबड़ी देवी के आवास लौटीं और लालू यादव के लिए खाना लेकर दोबारा ईडी दफ्तर गईं. ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस में पूछताछ के लिए आज लालू प्रसाद को बुलाया था. इसी मामले में उनके बेटे तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए 30 जनवरी को पेश होने कहा गया है.
पीएम डरे हुए हैं, ऐसी चीजें ही करेंगे
पत्रकारों से बात करते हुए मीसा भारती ने कहा कि जब भी कोई केंद्रीय जांच एजेंसी हमारे परिवार के किसी सदस्य को पूछताछ के लिए बुलाती है, तो हम वहां जाते हैं और उनके साथ सहयोग करते हैं और उनके सभी सवालों का जवाब देते हैं. मेरे पिता बीमार हैं वो खुद नहीं खा सकते, किसी को उन्हें खिलाना पड़ता है. हमें नहीं पता कि उन्होंने खाया है या नहीं. ईडी का कोई अधिकारी नहीं है. कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हैं. चूंकि चुनाव नजदीक हैं, इसलिए पीएम डरे हुए हैं. ऐसी चीजें ही करेंगे.
एक बीमार आदमी को गिरफ्तार करके क्या मिलेगा
यह सरकार मेरे पिता को गिरफ्तार भी कर सकती है, लेकिन एक बीमार आदमी को गिरफ्तार करके उन्हें क्या मिलेगा?. पूर्व मीसा भारती ने बताया कि सत्ता में बैठे लोग एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. बीमार इंसान को इस तरह से बुलाकर दस घंटे से बिठाया गया है. दो तीन बार जाकर तो हम दवा भी दिये है, लेकिन ईडी का कोई भी अधिकारी बाहर आकर यह बताने को तैयार नहीं है कि और कितने घंटे उनसे पूछताछ होगी.
ईडी कार्यालय के बाहर पूरे दिन डटे रहे कार्यकर्ता
इधर, लालू यादव के आते ही ईडी दफ्तर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई. मीसा भारती ने पटना में ईडी कार्यालय के पास मंदिर में पूजा अर्चना की. वहीं पूरे दिन राजद समर्थकों की भीड़ लगी रही. राजद के कई विधायक भी पहुंचे. समर्थक केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं. राजद समर्थकों ने आरोप लगाया कि लालू यादव बीमार हैं. उन्हें जान बूझकर परेशान करने की कोशिश हो रही है. पटना ईडी कार्यालय के बाहर मौजूद उनके समर्थकों और पार्टी नेताओं ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अपने विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
इसमें कौन सी बड़ी बात है
लालू यादव से हो रही पूछताछ के मामले में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि ईडी एक स्वतंत्र संस्था है. देश का कानून सबके लिए समान है. जहां कहीं भी भ्रष्टाचार, कदाचार होता है और कानून का पालन नहीं होता है, वहां उचित जांच की जाएगी. लालू प्रसाद के परिवार के खिलाफ कई मामले हैं. अगर एफआईआर और केस हैं, तो ट्रायल जरूर किया जाएगा. इसमें कौन सी बड़ी बात है?
गुदड़ी का लाल लालू है, शेर अकेला है कमजोर नहीं
लालू यादव की ईडी के सामने पेशी को लेकर उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा है कि मेरे पापा को आज कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार गिरगिट के साथ-साथ सीबीआई-ईडी और इनके मालिक होंगे. सब को मालूम है पापा की क्या हालात है. बिना मदद के चल नहीं सकते. फिर भी कितना गिरोगे गीदड़ों? ये गुदड़ी का लाल लालू है, शेर अकेला है कमजोर नहीं.
2004 से 2009 के बीच किया गया था यह घोटाला
आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव इस घोटाले में शामिल थे. यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं. बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी. जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया गया था.