पटना. रेलवे में जमीन के बदले में नौकरी दिये जाने के मामले में अब सीबीआइ जल्द ही मुख्य आरोपित लालू यादव एवं अन्य से पूछताछ करेगी. लालू के अलावा पूर्व सीएम राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव से भी पूछताछ की तैयारी चल रही है. शुकवार को लालू-राबड़ी के 16 ठिकानों पर छापेमारी के बाद सीबीआइ आधिकारिक तौर पर सभी नामजद अभियुक्तों को नोटिस देने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक जल्द ही सभी सोलह आरोपितों को अलग-अलग बिठा कर सीबीआइ पूछताछ करेगी. इस घोटाले में रेलवे के कई अधिकारियों से भी पूछताछ की तैयारी है.
पूर्व रेल मंत्री व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर अपने कार्यकाल 2004 से 2009 के दौरान जमीन लेकर रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी देने को लेकर सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज किया है. शुक्रवार को उनके 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गयी. इसमें उनके अलावा राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत 16 नामजद अभियुक्त बनाये गये हैं. सीबीआइ की जांच प्रक्रिया के अनुसार, पहले सभी नाम अभियुक्तों को नोटिस करके बुलाया जायेगा, फिर इनसे प्रश्नोत्तर के जरिये पूछताछ की जायेगी. पहले जिन लोगों ने जमीन देकर नौकरी ली है, उनसे पूछताछ होगी. इसके बाद लालू यादव के परिवार के नामजद सदस्यों से एक-एक करके पूछताछ की जायेगी.
इस मामले में इस प्रकरण में कुछ दूसरे खास से लेकर आम लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं. साथ ही रेलवे के कई पूर्व अधिकारियों के नाम भी सामने आयेंगे, जिन्हें भी इस केस में अभियुक्त बनाकर पूछताछ की जा सकती है. जिन रेलवे जोन जयपुर, मुंबई, कोलकाता, जबलपुर और हाजीपुर में ग्रुप-डी बहाली के तमाम नियमों की अनदेखी करके लोगों की बहाली की गयी है, उस समय के तत्कालीन रेलवे अधिकारियों से भी पूछताछ की जा सकती है. साथ ही इस अवैध बहाली के जरिये कितने लोग लाभान्वित हुए हैं, इसकी पड़ताल करने में भी सीबीआइ जुटी हुई है.
सीबीआइ इससे जुड़ी कुछ अन्य पहलुओं पर जांच करने में जुटी हुई है. इसमें किन-किन पोस्टों पर कितने लोगों की इस तरीके से बहाली हुई है, इसकी जांच भी की जायेगी. साथ ही क्या परिवार के किसी अन्य सदस्यों के नाम पर भी जमीन लिखवायी गयी है या नहीं. इससे जुड़े बातों पर भी जांच की जायेगी. जिन लोगों ने गलत तरीके से नौकरी ली है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है या उनकी उन्हें नौकरी से हाथ धोना भी पड़ सकता है.
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गोपालगंज. सीबीआइ की छापेमारी के बाद दूसरे दिन इटवा गांव में सन्नाटा रहा. हृदयानंद के परिवार के लोगों ने साजिश के तहत उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है. हृदयानंद चौधरी के बड़े भाई ने बताया कि हृदयानंद ने लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव को जमीन गिफ्ट की है. हेमा यादव को हृदयानंद भावनात्मक बहन मानते हैं. भाई होने के नाते उन्होंने जमीन गिफ्ट की है. छापेमारी के दौरान हृदयानंद अपने आवास पर नहीं मिले. परिजनों के मुताबिक पटना स्थित आवास पर ही हृदयानंद रहते हैं. वह रेलवे में नौकरी करते हैं. सीबीआइ की टीम करीब पांच घंटे तक पूछताछ करने के बाद लौट गयी. सीबीआइ ने पूरा तथ्य जुटाया है कि हृदयानंद चौधरी ने जो जमीन लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव को दी, वह किसकी थी.
लालू प्रसाद के बतौर रेलवे मंत्री के पांच साल के कार्यकाल में यह तीसरा केस दर्ज हुआ है और रेलवे से जुड़े दो बड़े घोटाले सामने आये हैं. पहला, रेलवे टेंडर घोटाला 2005 में ही सामने आया था, जिसमें गलत तरीके से रेलवे के स्टार होटल समेत अन्य प्रमुख टेंडर कुछ कंपनियों को दे दिया गया था. इस मामले की भी जांच सीबीआइ कर रही है. इसके बदले भी करोड़ों रुपये की जमीन समेत अन्य संपत्तियां अपने एवं परिवार के सदस्यों के नाम से ली थी. इन संपत्तियों को ट्रांसफर करने में कई शेल कंपनियों का भी उपयोग किया था. इस मामले के आधार पर 2017 में इडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, दामाद शैलेंद्र कुमार समेत अन्य के नाम पर मौजूद फॉर्म हाउस समेत अन्य तमाम संपत्तियां जब्त की थी.