पटना. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने विदेश नीति को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है. राजद अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर विदेश नीति के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द इसे रोकने की बात कही है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भारत की विदेश नीति को लेकर केंद्र सरकार पर रविवार को हमला बोला है. लालू यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि यह पहली बार है जब भारत ने मानवता, युद्ध विराम और विश्व शांति के विषय पर सबसे आगे रहने के बजाय ढुलमुल रवैया अपनाया. केंद्र सरकार भारत की विदेश नीति के साथ खिलवाड़ बंद करें. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील नीति हमारी विदेश नीति का ध्वज होना चाहिए. लालू प्रसाद ने कहा है कि इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है.
कांग्रेस ने भी साधा मोदी सरकार पर निशाना
गाजा सीजफायर पर भारत के स्टैंड को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब विपक्ष के निशाने पर आ गई है. लालू यादव से पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी सोशल मीडिया एक पोस्ट शोर कर महात्मा गांधी के उस कथन का उल्लेख किया कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है. उन्होंने आगे लिखा कि मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में संघर्ष-विराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा. प्रियंका ने कहा कि हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी. इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया. ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं, जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं. वे भारत के उस नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कदमों का मार्गदर्शन किया है. प्रियंका ने कहा कि यह उन सभी चीजों के विपरीत है, जिनके लिए एक राष्ट्र के रूप मेंभारत हमेशा खड़ा रहा है.
भारत का रवैया बेहद चौकानेवाला
वहीं, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी गाजा मसले पर केंद्र सरकार को निशाना साधा. ओवैसी ने कहा है कि यह बेहद चौंकानेवाला है कि नरेंद्र मोदी सरकार संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में संघर्ष-विराम का आह्वान करनेवाले प्रस्ताव पर वोट डालने से पीछे हट गई है. उन्होंने आगे लिखा कि गाजा में इजरायल द्वारा अभी तक 7028 लोगों को मारा जा चुका है. इनमें से 3000 महिलाएं और 1700 बच्चे हैं. गाजा में 45 फीसदी घरों को नष्ट किया जा चुका हैऔर करीब 15 लाख लोग अपना घर छोड़ चुके हैं. ओवैसी नेआगे लिखा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह एक मानवतावादी मुद्दा है. एक देश एक परिवार की बात कहने वाला और विश्वगुरुगु को आखिर हुआ क्या?