RJD में अब तेजस्वी यादव के पास सुप्रीम पावर, जानिये राजद में क्यों बदला गया पार्टी का संविधान…
राजद में अब तेजस्वी यादव की ताकत बढ़ा दी गयी है. किसी भी नीतिगत मुद्दे पर पार्टी की ओर से अब केवल तेजस्वी यादव ही बोलेंगे. रविवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम राजद का खुला अधिवेशन आयोजित किया गया. इसमें पार्टी के संविधान में संशोधन प्रस्ताव को भी पेश किया.
Bihar Politics: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) ने तेजस्वी यादव की ताकतें बढ़ा दी है. संगठन में अब उन्हें दूसरे नंबर के नेता के रूप में स्थापित कर दिया गया है. रविवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राजद का खुला अधिवेशन आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में आरजेडी के द्वारा राजनीतिक, आर्थिक व विदेश नीति से जुड़े प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया. इस दौरान राजद के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने पार्टी के संविधान में संशोधन प्रस्ताव को भी पेश किया. जिसके बाद अब राजद पार्टी से जुड़े सभी फैसले लेने का अधिकार केवल लालू यादव और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के पास रह गया है.
तेजस्वी यादव की ताकत बढ़ा दी गयी
राजद के सुप्रीमो लालू यादव ही बने रहेंगे. राजद के राष्ट्रीय कार्यपरिषद की ओर से लगातार 12 वीं बार उन्हें पार्टी का कमान सौंपा गया. इस दौरान राजद ने सबसे बड़ा फैसला यह लिया कि अब तेजस्वी यादव की ताकत बढ़ा दी गयी. राजद के नाम, सिंबल और झंडे से संबंधित तमाम फैसले अब लालू यादव और तेजस्वी यादव लेंगे. वहीं किसी भी नीतिगत बात पर केवल तेजस्वी यादव को ही बोलने का अधिकार अब रहेगा.
तेजस्वी यादव की ताकतें क्यों बढ़ाई?
सम्मेलन में जिस तरह तेजस्वी यादव की ताकतें बढ़ाई गयीं इससे यह स्पष्ट है कि अब तेजस्वी यादव ही पार्टी के सर्वेसर्वा हैं. संविधान में बदलाव को लेकर सियासी मामलों के जानकार कहते हैं कि लालू यादव की सेहत अब सही नहीं रहती. राजद को मजबूत रखने के लिए लालू यादव ने एक कवच तैयार कर दिया है. अगर पार्टी को तोड़ने के लिए कोई प्रयास किया गया तो उस स्थिति में तेजस्वी यादव के पास ये पावर रहेगा कि वो कोई भी मजबूत फैसला ले सके.
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सीबीआई छापेमारी पर बोले लालू यादव…
बता दें कि नये अधिकार के तहत तेजस्वी यादव अब पार्टी के सिंबल झंडे से संबंधित फैसले भी ले सकते हैं. यानी अगर इसे बदलने की जरुरत हुई तो तेजस्वी यादव इससे जुड़े फैसले भी ले सकते हैं. रविवार को सम्मेलन में लालू यादव और तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में भाजपा को निशाने पर लिया. उन्होंने सीबीआई छापे को लेकर व्यंग कसते हुए भाजपा को ही छाप देने की बात कही.