आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के तबीयत बिगड़ने के बाद दवा और दुआओं का दौर जारी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन भी पारस पहुंचकर उनका हालचाल पूछा है. लालू के समर्थक भी अपने चहेते नेता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता और गायक खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) ने भी अपने चहेते राजनेता के लिए प्रार्थना की है. उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करके कहा कि लालू यादव की तबीयत बिगड़ने की दुखद खबर मुझे मिली. महादेव उन्हें शीघ्र स्वस्थ लाभ दें, यही मेरी ईश्वर से प्रार्थना है.
बिहार के गोपालगंज के फुलवारिया गांव में एक सधारण से परिवार जन्मे लालू प्रसाद यादव भारतीय राजनीति के महारथियों में शुमार हैं. लालू प्रसाद का जन्म दूध बेचने वाले कुंदन राय के घर 11 जून को हुआ था. अत्यन्त गरीबी में उनका बचपन गुजरा. लालू अपनी मां मरिछिया देवी के साथ घर-घर जाकर दूध भी बांटा करते थे. इससे जो समय बचता उसमें वो पढ़ाई करने गांव के स्कूल में जाया करते थे. फिर स्कूल की शिक्षा गांव में ही पूरा करने के बाद लालू प्रसाद यादव अपनी आगे शिक्षा पूरा करने के लिए पटना चले आए.
लालू प्रसाद वर्ष 1966 में पढ़ने के लिए अपने बड़े भैया के पास पटना आ गए. लालू के बड़े भैया बिहार वेटरनरी कॉलेज में चपरासी की नौकरी करते थे. वे अब उनके पास ही रहकर अपनी आगे की पढ़ाई करने लगे. बीए की पढ़ाई के लिए लालू प्रसाद ने पटना के बीएन कॉलेज में एडमिशन ले लिया. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही लालू की दिलचस्पी छात्र राजनीति में बढ़ने लगी. फिर क्या था गांव में घर-घर जाकर दूध बांटने वाले लालू प्रसाद अब हजारों लोगों के सामने खड़ा होकर भाषण देना शुरु कर दिया. साल बीतने के साथ ही लालू पटना यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बन गए. घर वालों को लालू प्रसाद का यह व्यवहार पसंद नहीं था. वे लालू की राजनीति में बढ़ती सक्रियता से खिन्न हो कर उनकी शादी करवा दी. लालू प्रसाद की 1 जून 1973 को राबड़ी देवी (Rabri Devi) से शादी हो जाती है. शादी की रस्मों-रिवाज के चलते राबड़ी गौना के लिए वापस घर चली जाती है और लालू भी पटना लौट आते हैं.
शादी के कुछ दिनों के बाद लालू प्रसाद अपनी पत्नी राबड़ी देवी से मिलने पहुंचते हैं. लालू राबड़ी से कहते हैं, ‘मुझे माफ करना, मैं तुम्हें अभी ज्यादा वक्त नहीं दे पाऊंगा. मैंने आंदोलन में हिस्सा लिया हूं. मैं अगर वहां नहीं पहुंचा तो लोग मुझे डरपोक और भगोड़ा कहेंगे, मुझे जाना होगा. तुम अपना और परिवार का ध्यान रखना.’ राबड़ी देवी भी उनको अपना समर्थन देती और लालू प्रसाद जेपी आंदोलन में शामिल होने के लिए वहां से पटना आ जाते हैं.
आपातकाल के बाद लोकसभा चुनाव हुआ, लालू प्रसाद छपरा से चुनाव जीत जाते हैं. 29 साल की उम्र में संसद पहुंचने वाले वे भारत के सबसे युवा सांसद बनते हैं. लालू प्रसाद ने फिर कभी मुड़कर नहीं देखा. उनका बिहार की राजनीति और पार्टी में उनका कद बढ़ता चला गया. इसी का परिणाम था कि वो बिहार के सीएम भी बन गए. सीएम बनने के बाद वे फिल्म ‘नायक’ की कहानी दोहराते हैं. शराब के ठेकों पर खुद छापा मारते तो न्याय के लिए आवाज उठाते दिखे. उनके इस अंदाज को बिहार ही नहीं देश के लोगों ने पसंद किया और बिहार से निकल कर वे देश की राजनीति के केंद्र बन गए. इधर, लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी का अखबारों में घर में पोछा लगाते आम जनता की तरह अन्य कामकाज करने का फोटो भी छपता. इसके बाद लालू लोगों के हीरो बन गए हैं.