RJD के तेजस्वी युग में लालू यादव ही पार्टी सुप्रीमो क्यों? 12वीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की जानें वजह

Bihar Politics: राजद अपने नये राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी और 12वीं बार लालू यादव ही सुप्रीमो चुने जाएंगे. बुधवार को लालू यादव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे. जानिये तेजस्वी युग में लालू यादव क्यों थामेंगे कमान.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2022 10:52 AM
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Bihar Politics: राजद में पार्टी के सुप्रीमो का चुनाव होने जा रहा है. राजद के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव बुधवार को नामांकन करने वाले हैं. यह तय हो चुका है कि लालू यादव(Lalu Yadav) ही फिर एकबार राजद के सुप्रीमो (Rjd National President) बनेंगे. ये 12वीं बार ऐसा होगा जब लालू यादव पार्टी की कमान थामेंगे. पार्टी के गठन से लेकर अबतक केवल लालू यादव ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहे हैं और अब आगे भी पार्टी उनकी ही अध्यक्षता में आगे बढ़ेगी. तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राजद में लालू यादव को कमान थमाने की वजह जानिये…

राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन

लालू यादव बुधवार को राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे. ऐसा बताया जा रहा है कि नामांकन के दिन ही लालू यादव को इस पद के लिए चुने जाने की घोषणा भी हो जाएगी. हालाकि इसकी विधिवत घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी और इसी दिन प्रमाण पत्र लालू यादव को सौंपा जाएगा. बताते चलें कि बुधवार से ही राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पद के लिए नामांकन करेंगे. इसके लिए राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत अन्य पार्टी पदाधिकारी दिल्ली पहुंचे हुए हैं.

लालू यादव 12वीं बार पार्टी के सुप्रीमो बनाए जाएंगे

लालू यादव 12वीं बार पार्टी के सुप्रीमो बनाए जाएंगे. राजद की स्थापना 1977 को हुई थी और तब से इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ही रहे हैं. दरअसल, शुरू से ही लालू यादव के नेतृत्व में ही राजद चली है. लालू यादव की लोकप्रियता बिहार में लोगों के बीच है और उनके समर्थक आज भी भावनात्मक रूप से लालू यादव से जुड़े रहते हैं. जहां किसी भी राजनीतिक दल में उथलपुथल मची रहती है, ऐसा ही कुछ जब राजद में हुआ तो लालू यादव ही वो शख्स रहे जिसके नाम पर पार्टी का अंर्तकलह दबता रहा. लालू यादव राजद में सर्वमान्य चेहरा रहे हैं.

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वन मैन आर्मी की तरह भूमिका

लालू यादव ने वन मैन आर्मी की तरह भूमिका निभाकर पार्टी को आगे बढ़ाया है. जब वो पूरी तरह से अस्वस्थ रहे तब भी उनके इशारे पर ही पार्टी में सबकुछ चलता रहा और उसका उदाहरण सामने है कि बिहार में फिर से राजद सबसे बड़ी पार्टी है और मजबूती से सरकार में है. लालू यादव जब भी बाहर आए तो सियासी गलियारे में खलबली मची रही. विपक्षी दलों को ये भय हमेसा रहा है कि लालू यादव किसी भी समय पासा पलट सकते हैं.

पार्टी एकजुट रखते हैं लालू यादव

लालू यादव के कारण कार्यकर्ता एकजुट रहते हैं. पार्टी में बगावती सुर नहीं उठते और उठते हैं तो उसे लालू यादव फौरन सही कर लेते हैं. जहां तेजस्वी यादव के हाथों में उन्होंने कमान सौंपी है और अब राजद के चेहरे के रुप में वो खड़े हुए हैं. वहीं सरकार में उपमुख्यमंत्री व अन्य मंत्रालय थामे तेजस्वी को लालू यादव अभी संगठन की बड़ी जिम्मेदारी से दूर रखकर सरकार पर ध्यान केंद्रित कराना चाहेंगे. लालू यादव की सेहत भी अभी पहले से काफी बेहतर है और वो राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं.

Published By: Thakur Shaktilochan

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