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बिहार: मोदी सरकार पर भड़के लालू यादव, कहा- कुछ बजट देकर केंद्र सरकार समझती है कि खैरात दे रहे हैं

राजद प्रमुख लालू यादव ने पटना में शनिवार को लेखक मनोज मित्ता की किताब 'कास्ट प्राइड' लॉन्च की. इस दौरान लालू यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर कई हमले किए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार में हो रही जातीय गणना को नफरत से देख रही है.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद शनिवार को केंद्र सरकार पर बरस पड़े. उन्होंने कहा कि दिल्ली की मौजूद सरकार जातीय गणना को नफरत से देख रही है. केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में जातीय गणना का विरोध किया है. लालू प्रसाद ने कहा कि देश के पीएम कास्ट-कास्ट करते रहते हैं. कास्ट इनको परेशान कर रहा है और बैठने नहीं दे रहा. केंद्र द्वारा जातीय गणना नहीं करवाने पर हम लोग इसे करवा रहे हैं. राजद सुप्रीमो ने यह बातें शनिवार को मनोज मित्ता की पुस्तक ”कास्ट प्राइड: बैटल्स फॉर इक्वलिटी इन हिंदू इंडिया” के लोकार्पण कार्यक्रम में कहीं. इसका आयोजन बिहार कॉलेक्टिव ने बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज परिसर के साहू जैन हॉल में किया था.

मनोज मित्ता को उनकी पुस्तक के लिए लालू ने दी बधाई

लालू प्रसाद ने मनोज मित्ता को उनकी पुस्तक के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं. साथ ही कहा है कि इसे पढ़ने के लिए समय निकालेंगे. पढ़ने और पढ़वाकर सुनने के बाद बधाई भेजेंगे. पुस्तक के लेखक मनोज मित्ता ने कहा कि उन्होंने सात साल की शोध के बाद इस पुस्तक को लिखा है. मंच संचालन बीबीसी की इंडिया हेड रूपा झा ने किया.

मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर आरक्षण लागू हुआ : लालू

लालू प्रसाद ने कहा कि लोगों की जाति और उनकी आर्थिक स्थिति जाने बिना कोई योजना कैसे बनेगी? ऐसे में अगर विकास के लिए कुछ बजट देने वाली सरकार समझती है कि खैरात दे रहे हैं जबकि यह लोगों का अधिकार है. उन्होंने कहा कि बीपी मंडल कमीशन बना. उसने अध्ययन कर अनुशंसा की और मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर आरक्षण लागू हुआ.

धर्मनिरपेक्षता के लिए है हमारी लड़ाई : लालू

लालू प्रसाद ने कहा कि हमारी लड़ाई सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के लिए है. यह हमारी बुनियाद में है. हमलोग संघर्ष कर रहे हैं. हमलोगों को संघर्ष करते रहना पड़ेगा, नहीं तो सामंती लोग चील की तरह झपट्टा मारेंगे. फ्यूडल कैरेक्टर खत्म नहीं होता. उन्होंने कहा कि कास्ट और कास्ट का उपद्रव सदियों पुराना है. समय-समय पर संघर्ष होते रहे हैं. कास्ट को हमलोग बैकवर्ड, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कहते हैं. इनके साथ जुल्म और उपद्रव सदियों पुराना है. आज भी यह जीवित है. हमलोगों ने इसका तेवर कम किया है.

शिवानंद तिवारी को लालू ने बताया विद्वान आदमी

लालू प्रसाद ने कहा कि समारोह में शिवानंद तिवारी मौजूद हैं, वे विद्वान आदमी हैं. उन्होंने डॉ हई को देखकर कहा कि उनका सम्मान करते हैं. साथ ही कई पुस्तकों के लेखक नलिन वर्मा को देखकर कहा कि ये हमारे बारे में पुस्तक लिखते रहते हैं. उन्होंने नलिन वर्मा से पूछा कि अभी उनके बारे में कोई पुस्तक लिख रहे हैं या नहीं?

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संजय पासवान की लालू यादव की अच्छी सेहत की कमाना

भाजपा के विधान पार्षद संजय पासवान ने लालू यादव की अच्छी सेहत और देश-दुनिया में फिर से बेहतर योगदान की कामना की. उन्होंने कहा कि दलितों की स्वतंत्र राजनीति शुरू होना बाकी है. यहां दलितों का कोई नेता नहीं है. आजादी के बाद बिहार में कांग्रेस राज में सभी जातियों से 13-14 सीएम हुये. इसके बाद यादव और कुर्मी ही सीएम हुये.

जाति कभी निजी नहीं होती : आरजेडी सांसद मनोज झा

राजद के सांसद मनोज झा ने कहा कि जाति कभी निजी नहीं होती, यह सार्वजनिक होती है. उन्होंने कहा कि अब भी हाइकोर्ट के जज पूछते हैं कि आरक्षण से पढ़कर आये हो क्या? उन्होंने कहा कि प्रिवी काउंसिल को जितनी समझ इन सब चीजों की थी उतनी समझ आज की न्यायपालिका को नहीं है.

हिंदू सहित सभी धर्मों में है जाति व्यवस्था : प्रो फैजान मुस्तफा

चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो फैजान मुस्तफा ने कहा कि अस्पृश्यता पर कानून बनते समय बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर ऊंची जाति से बदला लेने का आरोप था. उन्हें उस दौरान अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था. जाति व्यवस्था हिंदू सहित सभी धर्मों में है.

बिहार में दलितों के कई नरसंहार हुये : विधायक संदीप सौरव

भाकपा माले विधायक संदीप सौरव ने कहा कि बिहार में दलितों के कई नरसंहार हुये. इसमें बुनियादी सवाल जमीन का था. जमीन के सवाल काे समझा नहीं गया. मजदूरों ने मजदूरी मांगी और महिलाओं के सम्मान की मांग की तो नरसंहार हुआ. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून की आड़ में पुलिसिया जुल्म पर रिसर्च की जरूरत है.

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