पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार में हिम्मत हो तो उन्हें फुलवरिया में लालू प्रसाद के मंदिर जाने के समय उन पर छाता लगाने वाले एसडीपीओ को लोक सेवक आचार संहिता का उल्लंघन करने के कारण निलंबित करना चाहिए. वे बताएं कि उक्त अधिकारी ने किसके आदेश पर अपने अनुमंडल से बाहर जाकर लालू प्रसाद की ऐसी सेवा की?
मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद जब मुख्यमंत्री थे, तब आइएएस अफसर से अपना पीकदान उठवाते थे. यदि राजद सत्ता में रहा तो बिहार में डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को भी लालू प्रसाद या उनके परिवार के किसी व्यक्ति का पीकदान उठाना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद किसी संवैधानिक पद पर नहीं, बल्कि चारा घोटाला में सजायाफ्ता और जमानत पर हैं, फिर भी उनकी निजी यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन राजद प्रमुख की सेवा में नतमस्तक रहा. लालू प्रसाद के साथ फुलवरिया में बालू माफिया सुभाष यादव भी था.
छाता लगाने वाला एसडीपीओ उनका करीबी रिश्तेदार बताया जाता है. मोदी ने कहा कि इसी सुभाष यादव ने एक ही दिन में राबड़ी देवी के चार फ्लैट खरीद लिये थे. सुभाष के यहां आयकर का छापा पड़ने पर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला था. लालू और बालू का रिश्ता काफी पुराना है, इसलिए नीतीश सरकार बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकती है.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इन दिनों अपने गृह जिले गोपालगंज में हैं. मंगलवार (22 अगस्त) की सुबह थावे मंदिर में जाकर उन्होंने पूजा-अर्चना की. उनके साथ उनके बड़े बेटे और सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव भी थे. इस दौरान एक तस्वीर सामने आई है. तस्वीर के सामने आने के बाद बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है. दरअसल,जो तस्वीर सामने आ रही है उसमें मंगलवार की सुबह लालू प्रसाद ने थावे मंदिरमें जब पूजा करने के लिए पहुंचे तो बारिश तेज हो गई.
हथुआ के एसडीपीओ अनुराग कुमार लालू प्रसाद के लिए बारिश से बचाने के लिए छाता लेकर चलने लगे. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद बिहार में सियसी हलचलें तेज हो गई. बताते चलें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं और जमानत पर बाहर हैं. बीजेपी इसपर ही सवाल खड़ा कर रही है.