Tirupati Balaji : तेजस्वी का मैरिज एनिवर्सरी आज, लालू ने परिवार के साथ बालाजी का किया दर्शन
लालू यादव अपनी पत्नी राबड़ी बेटे तेजस्वी यादव बहूं राजश्री, पोती कात्यायनी और तेज प्रताप यादव के साथ शनिवार को तिरुपति बालाजी का दर्शन किया.
Lalu Yadav family visiting Tirupati Balaji लालू प्रसाद अपने परिवार को साथ शनिवार को तिरुपति बालाजी का दर्शन किया. शुक्रवार को वे अपने परिवार के साथ पटना से विशेष विमान से पटना से तिरुपति बालाजी पहुंचे थे. यहां आज सुबह उन्होंने अपने परिवार के साथ तिरुपति बालाजी का दर्शन किया. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर इसका फोटो शेयर कर लिखा कि आज शादी की सालगिरह के विशेष दिन पर बेटी कात्यायनी का मुंडन संस्कार भी संपन्न हुआ. बताते चलें कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू प्रसाद बिहार के कई धर्म स्थलों पर जाकर उनका दर्शन कर चुके हैं. इस बार विशेष विमान से तिरुपति दर्शन के लिए पूरे परिवार के पहुंचे हैं.
लालू, राबड़ी, तेजस्वी, राजश्री और पोती कात्यायनी के साथ तेज प्रताप यादव भी शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट से निकले थे. तेजस्वी यादव ने तिरुपति में बाला जी का दर्शन करने के बाद अपने परिवार के साथ आठ फोटो शेयर किए हैं. बेटी कात्यायनी का मुंडन संस्कार से जुड़े इस फोटो में तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव का मुंडन का फोटो है. फोटो में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, राजजश्री, कात्यायनी, तेजस्वी यादव और वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव दिख रहे हैं. ये सभी लोग शुक्रवार को ही पटना से विशेष विमान से पटना से तिरुपति में बाला जी का दर्शन करने के लिए रवाना हुए थे.
तेजस्वी यादव ने अपने फेसबुक पर कई तस्वीरों को शेयर करते हुए देश के विकास की भी कामना की है. तेजस्वी ने अपने पोस्ट में लिखा कि आज सुबह आंध्र प्रदेश के तिरुमाला पर्वत स्थित उत्कृष्ट शिल्प कौशल के अद्भुत उदाहरण एवं भक्ति, विश्वास और श्रद्धा के प्रतीक भगवान श्री तिरुपति बालाजी मंदिर में सपरिवार पूजा-अर्चना व दिव्य दर्शन कर सकारात्मक ऊर्जा एवं आशीर्वाद प्राप्त किया. उन्होंने आगे लिखा है कि गर्भगृह में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर से समस्त प्रदेशवासियों के सुख,शांति,समृद्धि और कल्याण के लिए मंगल प्रार्थना मैंने की है. शादी की सालगिरह के आज इस विशेष दिन पर बेटी कात्यायनी का मुंडन संस्कार भी संपन्न हुआ.
तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में लिखा है कि सकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करने वाले पौराणिक ऐतिहासिक व आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा ज्ञानार्जन, शुभता, दिव्य हस्तक्षेप, आध्यात्मिक सांत्वना, आत्म-साक्षात्कार, ध्यान और परमात्मा से जुड़ने का जरिया, व्यक्तिगत व सामुदायिक विकास तथा मानव जीवन के मूल उद्देश्य की गहराई को समझने की चाह रखने वालों के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में भी कार्य करती है.