पटना. पटना हाइकोर्ट ने निर्देश दिया है कि जिन जिलों में राष्ट्रीय राज मार्ग बन रहा है, वहां के जिलाधिकारी लिखित अंडरटेकिंग दें वे अपने- अपने जिलों में दो-तीन महीने के अंदर जमीन का अधिग्रहण अवश्य कर लेंगे एवं इसे एनएचएआई को सुपुर्द कर देंगे.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित कई मामलों की समीक्षा और सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
सुनवाई के समय गया, जहानाबाद, वैशाली, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा एवं पटना के जिलाधिकारी वर्चुअल रूप से उपस्थित थे. इन लोगों ने अपने- अपने ज़िलों में भूमि अधिग्रहण के मामलों एवं अवैध अतिक्रमण हटाये जाने के संबंध में रिपोर्ट कोर्ट को दी.
खंडपीठ ने पहले भारत माला परियोजना के तहत औरंगाबाद से दरभंगा तक बनने वाली सड़क के बारे में जिलाधिकारियों से जानकारी ली एवं कहा कि जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण कर एनएचएआइ को दे दें. ताकि उस पर काम शुरू कराया जा सके.
एनएचएआइ की ओर से अधिवक्ता एस डी संजय ने बताया कि इस परियोजना के लिए लगभग 1300 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण के लिए दिया जाना है. अभी तक छह सौ करोड़ रुपये से ज्यादा भू -अर्जन पदाधिकारियों के समक्ष जमा कराया जा चुका है.
सभी जिलाधिकारियों ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि आगामी 30 नवंबर तक वे भूमि अधिग्रहण का काम समाप्त कर एनएचएआइ को सुपुर्द कर देंगे. एक अन्य मामले में हाजीपुर- मुजफ्फरपुर सड़क के लिए भी वहां के जिलाधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि रामाशीष चौक, हाजीपुर के आस- पास से सभी अतक्रिमण हटा दिया गया है.
Posted by Ashish Jha