बिहार में प्राचार्य ने ससुर के साथ मिलकर बेच डाली कॉलेज की तीन एकड़ जमीन! तेज हुई जांच, जानें आरोप…

Bihar News: जमुई के सरस्वती अर्जुन एकलव्य कॉलेज की जमीन को बेचने का आरोप लगा है. जिसके बाद अब इसकी जांच शुरू हो गयी है. सीओ से जमीन की रिपोर्ट मंगवाई जा रही है. जबकि आरोप किसी और पर नहीं बल्कि प्राचार्य व उनके ससुर समेत अन्य लोगों पर लगा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2022 12:42 PM

Bihar News: जमुई के एक मामले ने सबको चौंकाया है. सरस्वती अर्जुन एकलव्य कॉलेज की जमीन को षड़यंत्र के तहत बेच देने का मामला सामने आया है. आरोप किसी और पर नहीं बल्कि डिग्री कॉलेज के प्राचार्य, उनके ससुर व कॉलेज के पूर्व सचिव पर लगाया गया है. मामले की जांच भी अब शुरू हो गयी है.

सरस्वती अर्जुन एकलव्य कॉलेज जमुई की जमीन

सरस्वती अर्जुन एकलव्य कॉलेज जमुई की जमीन बेचने के मामले ने धीरे-धीरे तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. बीते दिनों मुंगेर यूनिवर्सिटी के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रभात कुमार ने इसे लेकर एक जांच कमेटी का गठन किया था. और इस मामले में जमुई अंचलाधिकारी से जमीन की पूरी रिपोर्ट मांग की थी.

डिग्री कॉलेज के प्राचार्य समेत इन लोगों पर आरोप…

बताते चलें कि जमुई के बाद बोधवन तालाब निवासी अधिवक्ता कृष्ण यादव द्वारा बीते 7 अक्टूबर को विश्वविद्यालय प्रशासन को एक पत्र भेजा गया था. इसमें अधिवक्ता द्वारा बताया गया था कि सरस्वती डिग्री कॉलेज के प्राचार्य रामानंद भगत, उनके ससुर व कॉलेज के पूर्व सचिव नरदेव प्रसाद भगत ने कॉलेज की लगभग तीन एकड़ जमीन षड्यंत्र के तहत बेच डाली है.

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जमुई सीओ तैयार करेंगे जमीन की रिपोर्ट

पत्र के साथ अधिवक्ता द्वारा कॉलेज की जमीन के जिस हिस्से को बेचा गया है, उसका खाता, खसरा, रकवा, विक्रेता एवं क्रेता का नाम व रजिस्ट्री की डेट व डीड संख्या भी विश्वविद्यालय को उपलब्ध करायी है. मामले की जांच के लिए कुलसचिव डॉ पुष्पेंद्र कुमार वर्मा द्वारा जमुई सीओ को एक पत्र भेजा गया है. इसमें उन्होंने कॉलेज की जमीन की रिपोर्ट विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने को कहा गया है.

क्या है पूरा मामला, किन जमीनों की बिक्री का है आरोप

अधिवक्ता कृष्ण कुमार यादव ने अपने दिये आवेदन में बताया है कि षड्यंत्र के तहत महाविद्यालय की जमीन में से लगभग 3 एकड़ जमीन करोड़ों रुपये में बेच दी गयी. अभी भी लगातार जमीन की बिक्री की जा रही है. साथ ही क्रेताओं द्वारा वर्तमान प्राचार्य के मिलीभगत से उक्त जमीन पर मकान बनवाया जा रहा है. इतना ही नहीं कॉलेज के स्नातक की संबद्धता हेतु निर्धारित जमीन को पूरा करने के वास्ते कूट रचना कर दूसरे की जमीन को, कॉलेज के नाम से दर्शाया गया है. जबकि वह जमीन बोधवन तलाव स्थित परमहंस अठैत आश्रम की जमीन है, जो आनंदमठ द्वारा संचालित है.

गैरकानूनी ढंग से बिक्री का आरोप

वर्तमान में उस आश्रम की जमीन पर चहारदीवारी के साथ धार्मिक मंदिर व भवन निर्मित है. उन्होंने बताया है कि एक सोची समझी साजिश व कूट रचना कर दूसरी संस्था की जमीन को कॉलेज के नाम से दर्शाया गया है. इसे लेकर उच्च न्यायालय पटना बिहार में सिविल रिट जूरिडिक्शन केस संख्या 3119/2019 में इसका जिक्र भी किया गया है. जबकि कॉलेज की जो जमीन लीज पर ली गयी थी उसकी गैरकानूनी ढंग से बिक्री कर दी गयी है.

2017 से ही है विवाद

बताते चलें कि कॉलेज के जमीन की बिक्री को लेकर वर्ष 2017 से ही विवाद चला आ रहा है. अधिवक्ता ने इसे लेकर अंचलाधिकारी जिलाधिकारी तथा राज्य के कई वरीय पदाधिकारियों को इसकी लिखित सूचना भी दी है. इसमें बिहार सरकार के राज्यपाल, शिक्षा मंत्री, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, सचिव सहित अन्य लोग शामिल हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कॉलेज को जो दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं उसमें वर्ष 2021 में कॉलेज द्वारा एक जमीन पर धारा 144 लगाने को लेकर आवेदन दिया गया था, उसकी प्रति संलग्न की गयी है.

जांच के बाद सच आएगा सामने

कॉलेज की संबद्धता को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में जो एफिडेविट दायर किया गया था, उसकी प्रति भी उन्होंने संलग्न की है. अब सवाल यह है कि क्या सच में एकलव्य कॉलेज की जमीन बेच दी गयी है. यह तो फिलहाल जांच के बाद ही पता चल पायेगा. लेकिन इस मामले की चर्चा पूरे जिले में हर तरफ होने लगी है.

जमुई सीओ बोले

मामले में अभी तक मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा कोई पत्राचार नहीं हुआ है. और ना ही कुछ मांगा गया है. अगर कुछ पूछा जायेगा, तो अवश्य ही जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी.

-सुजीत कुमार, जमुई सीओ

Posted By: Thakur Shaktilochan

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