बिहार में तीन महीने बाद पोर्टल से मिलेंगे जमीन के सभी दस्तावेज, उपलब्ध होंगी 12 तरह की सुविधाएं

पोर्टल के बन जाने से किसानों और रैयतों को बहुत सुविधा होगी. जमीन से संबंधित सारी जानकारी और सेवाएं एक जगह और इकट्ठा मिलने लगेगी. इससे व्यवस्था में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2023 4:02 AM

बिहार के लोगों की सहूलियत के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तीन महीने बाद एक पोर्टल लांच करने की तैयारी कर रहा है. आम लोग इस पोर्टल से जमीन के सभी दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे. इस पोर्टल को विकसित करने की जिम्मेदारी आइआइटी रुडकी को दी गयी है. बिहार सरकार इस सेवा के बदले आइआइटी, रुडकी को लगभग 16.50 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी. इस पोर्टल में फिलहाल 12 तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण सेवा स्थानिक दाखिल खारिज (स्पेटियल म्यूटेशन) होगी. पूर्व से किये जा रहे जमाबंदी अद्यतीकरण के साथ-साथ नयी व्यवस्था के तहत मानचित्रों के अद्यतीकरण की प्रक्रिया प्रत्येक दाखिल-खारिज के बाद की जायेगी. इस व्यवस्था को विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त पूर्ण ग्रामों से शुरू किया जायेगा.

मिलेंगी ये सारी सुविधा 

विभागीय सूत्रों के अनुसार इस पोर्टल में मिलने वाली सुविधाओं में ऑनलाइन भू-लगान भुगतान शामिल होगा. साथ ही ऑनलाइन जमाबंदी अद्यतीकरण, आधार सीडिंग, ऑनलाइन दखल-कब्जा प्रमाणपत्र, सभी राजस्व अभिलेखों को ऑनलाइन देखने एवं डाउनलोड करने की सुविधा, ऑनलाइन मॉर्गेज, कोर्ट केस, भू-अर्जन की कार्यवाही एवं अन्य वैधानिक आदेश, ऑनलाइन गैर कृषि प्रयोजनों के लिए परिवर्तन कराने की सुविधा, ऑनलाइन भू-मापी कराने की सुविधा, निबंधन विभाग से संबद्धता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा अन्य विभागों से संबद्धता आदि शामिल होंगे.

पिछले सप्ताह हुआ है करार

आइआइटी, रुडकी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्त्ता, डॉ कमल जैन के साथ भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने पिछले सप्ताह एक करार पर हस्ताक्षर किया है. एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली का क्रियान्वयन, बिहार भू-अभिलेख प्रबंधन सोसाइटी द्वारा किया जायेगा. इसके गठन की प्रक्रिया चल रही है. यह निबंधन विभाग के एससीओआरइ की तर्ज पर काम करेगा. तृतीय कृषि रोडमैप के दौरान सोसाइटी के गठन एवं ”इंटीग्रेटेड लैंड रिकॉर्ड्स मैनेजमेंट सिस्टम” का क्रियान्वयन किया जाना है.

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किसानों और रैयतों को होगी सुविधा

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि इस पोर्टल के बन जाने से किसानों और रैयतों को बहुत सुविधा होगी. जमीन से संबंधित सारी जानकारी और सेवाएं एक जगह और इकट्ठा मिलने लगेगी. इससे व्यवस्था में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी.

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