लैंड फॉर जॉब मामला : सोनपुर और बरौनी में पोस्टेड रेलवे कर्मियों से सीबीआई करेगी पूछताछ, इस तारीख को बुलाया
इसी मामले में लालू परिवार के करीबी अमित कात्याल को इडी गिरफ्तार कर पूछताछ की है. वहीं, दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सांसद मीसा भारती को व्यक्तिगत पेशी से राहत प्रदान कर दी है.
पटना. सीबीआई ने जमीन देकर रेलवे में नौकरी पाये करीब दर्जन भर अधिकारी व कर्मियों को अगले सप्ताह दिल्ली तलब किया है. सीबीआई के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य के सोनपुर और बरौनी रेल मंडलों में पोस्टेड इन कर्मियों को सीबीआई की दिल्ली ऑफिस में 21 से 25 नवंबर तक हाजिर होने को कहा गया है. इन में से अधिकतर लोग रेलवे के मैकेनिकल सेक्शन में कार्यरत हैं. इन लोगों पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के रेल मंत्री होते हुए जमीन देकर नौकर पाने का आरोप है. इसी मामले में लालू परिवार के करीबी अमित कात्याल को इडी गिरफ्तार कर पूछताछ की है. वहीं, दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सांसद मीसा भारती को व्यक्तिगत पेशी से राहत प्रदान कर दी है.
अमित कात्याल की इडी हिरासत बढ़ी
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को एके इंफोसिस्टम्स के प्रमोटर अमित कात्याल की इडी हिरासत बढ़ा दी है. कात्याल को पिछले सप्ताह नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया है. राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कात्याल को उनकी दो दिन की रिमांड खत्म होने पर 22 नवंबर तक इडी की हिरासत में भेज दिया. अमित कात्याल के परिसरों पर केंद्रीय एजेंसी ने मार्च में छापा मारा था. इसी दौरान राजद सुप्रीमो लालू यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों में तलाशी ली गयी थी. इडी के अनुसार, अमित कात्याल राजद प्रमुख के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक भी हैं. बता दें कि एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड मामले में कथित ‘लाभार्थी कंपनी’ है और इसका पंजीकृत कार्यालय दक्षिण दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय भवन है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव करते हैं.
क्या है जमीन के बदले नौकरी का मामला
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नियुक्ति को लेकर घोटाला हुआ था. इस दौरान कई लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई थी. मामले के सामने आने पर इस घोटाले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया गया था. सीबीआई की जांच के क्रम में यह बात सामने आई थी कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने रेलवे में नौकरी दिलवाने के बदले जमीनें और फ्लैट की रजिस्ट्री अपने परिवार के लोगों के नाम पर करवाई है. इसमें उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बड़ी बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और तेजस्वी यादव के नाम शामिल हैं.
ईडी कर रही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
वहीं इस मामले में सीबीआई के साथ-साथ ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रही है. लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के खिलाफ सीबीआई पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव अभी बेल पर हैं. इस मामले में ही पिछले दिनों सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. जिस पर आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी है.
सीबीआई का दावा..
सीबीआई का दावा है कि रेलवे में नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी. पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नौकरी दे दी गयी थी. विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में इन्हें नियुक्त किया गया था. जांच एजेंसी ने यह आरोप लगाए कि नौकरी के बदले में कुछ उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर गलत दर में जमीन बेची थी. अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेचने का आरोप है.