Land For Job Scam क्या है? CBI के जाल में अपने परिवार संग कैसे फंसे लालू यादव, जानिए पूरा मामला
Land For Job Scam: बिहार सोमवार की बड़ी सियासली उथल पुथल हुई है. सीबीआइ की टीम राबड़ी देवी के आवास पर पूछताछ करने के लिए पहुंची है. बड़ी बात ये है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विधानसभा निकले ही थे कि सीबीआइ उनके घर पर पहुंच गयी है.
Land For Job Scam: बिहार में सोमवार को बड़ी सियासी उथल पुथल हुई है. सीबीआइ की टीम राबड़ी देवी के आवास पर पूछताछ करने के लिए पहुंची है. बड़ी बात ये है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विधानसभा के लिए निकले ही थे कि सीबीआइ उनके घर पर पहुंच गयी. बताया जा रहा है कि राबड़ी देवी से करीब 25 सवाल पूछ गया है. बता दें कि पूरा मामला 6 फरवरी 2008 का है. पटना के किशुन देव राय ने 3,375 वर्ग फीट जमीन केवल 3.75 लाख रुपये में लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी के नाम लिखी. इसी साल उसके तीन बेटों को रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी मिली. उसने जमीन कीमत से काफी कम दाम में बेची.
2004 से 2009 के बीच हुआ लैंड फॉर जॉब स्कैम का मामला
लैंड फॉर जॉब स्कैम का पूरा मामला तब होने का आरोप है जब लालू यादव 2004 से 2009 के बीच में रेल मंत्री थे. मामले में सीबीआइ ने मई 2022 में लालू यादव और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया. जांच एजेंसी के अनुसार लालू यादव के परिवार ने बिहार में एक लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन केवल 26 लाख में खरीदी है. जबकि बाजार में उसकी वास्तविक कीमत कम से कम 4.39 करोड़ रुपये थी. सीबीआइ के अनुसार मामले में अधिकतर जमीन मालिकों को कैश में भुगतान किया गया.
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पिछले साल मई में हुई थी 17 ठिकानों पर रेड
लालू परिवार की परेशानी इस मामले में पिछले साल मई में अचानक बढ़ गयी थी. मामले में लालू यादव के साथ राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत करीबियों के 17 ठिकानों पर सीबीआइ ने बड़ी छापेमारी की थी. इसमें 16 लोगों को आरोपी बनाते हुए FIR दर्ज की गयी थी. इसके बार फिर से जांच एजेंसी ने 24 अगस्त को RJD नेताओं के यहां छापेमारी की गयी थी.