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नौकरी के बदले जमीन घोटाला: लालू-राबड़ी व तेजस्वी यादव को अदालत में पेश होने का आदेश, 17 आरोपितों को समन जारी

रेलवे के नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की अदालत ने सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है और लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कुल 17 आरोपितों को समन जारी किया है. सभी को कोर्ट में हाजिर होना होगा.

रेलवे के लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार के दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कुल 17 आरोपितों को समन जारी किया गया है. सभी को 4 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है. सीबीआई के दाखिल चार्जशीट पर अदालत ने ये संज्ञान लिया है. बता दें कि इस चार्जशीट में सीबीआई ने पहली बार तेजस्वी यादव को आरोपित बनाया है.

4 अक्टूबर को हाजिर होने का आदेश

लालू यादव के खिलाफ इस मामले में केस चलाने की इजाजत गृह मंत्रालय की ओर से मिल गयी है. बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले में गुरुवार को होने वाली सुनवाई टल गयी थी. दरअसल, गृह मंत्रालय ने लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. इसी मामले में सीबीआई की ओर से सप्लमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया गया था. सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ जो चार्जशीट दायर की थी उसपर 12 सितंबर को कोर्ट में सुनवाई हुई थी. वहीं अब अदालत ने सभी आरोपितों को 4 अक्टूबर को कोर्ट में हाजिर होने कहा है. इस दिन लालू परिवार को लेकर अहम सुनवाई होगी. तेजस्वी यादव के भी चार्जशीट पर फैसला होगा.

केंद्र ने दी केस चलाने की मंजूरी

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते 12 सितंबर को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी सीबीआई को दे दी थी. जमीन के बदले नौकरी मामले में 21 सितंबर को होने वाली अहम सुनवाई टल गयी थी. 22 सितंबर को हुई सुनवाई में अब अदालत ने सभी को समन जारी करके पेश होने का आदेश दिया है. सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया था कि लालू यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में एक ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी ली गयी है.

शुक्रवार को सीबीआइ की अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआइ इस मामले में पूर्व में ही तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर चुकी है. इसी आरोप पत्र के आधार पर तेजस्वी को समन जारी हुआ है. 2004 से 2009 के दौरान यूपीए 1 की सरकार में रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद पर जमीन के बदले रेलवे की ग्रुप डी की नौकरी देने का आरोप है. सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही है और चार्जशीट भी दायर कर चुकी है. इस मामले में पहले से ही लालू, राबड़ी और मीसा भारती जमानत पर है.

तीन अफसरों के खिलाफ भी केस चलाने की अनुमति

सीबीआइ ने एक दिन पहले ही गुरुवार को कोर्ट को बताया था कि इस मामले में रेलवे के तीन अधिकारियों के खिलाफ भी केस चलाने की अनुमति गृह मंत्रालय ने दी है. इसके तहत रेलवे अधिकारी मनदीप कपूर, मनोज पांडे और डा पीएल बंकर के खिलाफ केस चलाने की अनुमति मिली है. सीबीआइ सूत्रों के अनुसार इस मामले में पहले तेजस्वी यादव का नाम आरोपितों में शामिल नहीं था. इसीवर्ष तीन जुलाई को सीबीआइ ने एक नये चार्जशीट में तेजस्वी यादव का नाम भी आरोपितों में शामिल किया था.

तीन जुलाई को सीबीआइ ने तेजस्वी के खिलाफ दायर किया था आरोप पत

सीबीआइ ने नौकरी के बदले जमीन लेने संबंधी घोटाले से जुड़े मामले में इसी साल तीन जुलाई को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद एवं राबड़ी देवी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. आरोप पत्र नयी दिल्ली के राउंज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की गयी थी. इसके पहले सीबीआइ और इडी ने तेजस्वी यादव से कई बार पूछताछ की थी. आरोप पत्र दायर करने के बाद यह पहली सुनवाई हुई है. सीबीआइ सूत्रों के अनुसार इस मामले में पहला आरोपपत्र दाखिल होने के बाद सामने आए दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर दूसरा आरोप पत्र दाखिल किया गया है. इसमें लालू प्रसाद परिवार के सदस्यों के अलावा एके इन्फोसिस्टम्स और कई बिचौलियों को भी नामजद किया है.

समन पर बोले तेजस्वी

कोर्ट के समन पर तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कहा कि ये कोई पहला और आखिरी मामला नहीं है.ये सब चलता रहेगा. हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि इन सब मामलों में कोई दम नहीं है.

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