राजद सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद से रेलवे की ग्रुप डी की नौकरी के बदले जमीन मामले में सोमवार को इडी ने पटना में 10 घंटे लंबी पूछताछ की. सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई पूछताछ रात 9 बजे तक चली. नौ बज कर पांच मिनट पर लालू प्रसाद अकेले इडी दफ्तर से बाहर निकले. आज (मंगलवार 30 जनवरी) इसी मामले में लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव से इडी पूछताछ करेगी. वे इसके लिए इडी कार्यालय पहुंच गए हैं.
तेजस्वी यादव के इडी ऑफिस पहुंचने से पहले राज्यसभा सदस्य और राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. बताते चलें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 19 जनवरी को ही लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को जमीन के बदले नौकरी प्रकरण में पूछताछ के लिए समन भेजा था. इसके आलोक में वे आज इडी ऑफिस पहुंचे हैं. उनके इडी दफ्तर पहुंचने से पहले राजद कार्यकर्ताओं का हुजूम यहां पर पहुंचे हुए हैं.
#WATCH | Bihar's former Deputy CM & RJD leader Tejashwi Yadav arrives at ED office in Patna for questioning in land-for-job-scam
RJD workers are gathered outside the office of the Enforcement Directorate in Patna pic.twitter.com/aBB57e1LJh
— ANI (@ANI) January 30, 2024
इडी के कार्यप्रणाली पर आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ईडी सबकी तलाश करेगा. लालू प्रसाद यादव के साथ क्या हुआ और आज तेजस्वी यादव के साथ क्या हो रहा है. जनता इसे देख रही है. महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी कुछ इसी प्रकार के हालात हैं. विपक्ष को इस तथ्य को स्वीकार करने की जरूरत है और इसी में उन्हें चुनाव भी लड़ना है.
इससे पहले, सोमवार को सुबह 11 बजे जब लालू प्रसाद से इडी दफ्तर में पूछताछ हुई थी. मीसा भारती व अन्य समर्थकों ने लालू प्रसाद को इडी दफ्तर के गेट पर छोड़ना पड़ा. किसी और को अंदर जाने की इजाजत नहीं होने के कारण मीसा भारती सहित अन्य सामने एक मंदिर में डेरा जमाये रहे. इडी ने पूछताछ में लालू प्रसाद से नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित करीब 60 से अधिक सवाल अलग-अलग तरीके से पूछे थे. लालू प्रसाद ने सभी सवालों का जवाब सोच-समझ कर दिये. इडी सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक सवाल के जवाब देने में लालू प्रसाद ने औसतन 90 सेकेंड से अधिक का समय लगाया. इडी कार्यालय के बाहर जुटे पार्टी समर्थकों को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को भी तैनात किया गया है.
लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए 2004 से 2009 के बीच विभिन्न रेल मंडलों में जमीन लेकर कई लोगों को ग्रुप-डी में नौकरी दी गयी थी. नौकरी लेने वालों से जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम करवायी गयी थी. इडी ने पहले एक बयान में दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेशक थे. कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है.
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इडी ने सोमवार को कहा है कि राबड़ी देवी की गौशाला के एक पूर्व कर्मचारी ने रेलवे में नौकरी के इच्छुक एक व्यक्ति से संपत्ति हासिल की और बाद में इसे उनकी बेटी हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया. इडी ने एक बयान में कहा कि सीबीआइ की प्राथमिकी और आरोप पत्र के अनुसार, अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत के रूप में भूमि हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था. इडी ने कहा कि लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, जिन्हें अभियोजन की शिकायत में आरोपी बनाया गया था, उन्हें अभ्यर्थियों के परिवारों से नाममात्र रुपये के बदले जमीन मिली थी.