मुजफ्फरपुर: बियाडा में फैक्ट्री बंद रखने वाले उद्यमियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गयी है. बियाडा ने बंद पड़ी फैक्ट्रियों को पहले नोटिस दिया था, अब उन फैक्ट्रियों की जमीन की लीज कैंसिंल करना शुरू कर दिया है. इस क्रम में 40 बंद पड़ी फैक्ट्रियों की लीज रद्द कर दी गयी है. उनके मालकों को जमीन की लीज रद्द करने का नोटिस भेजा गया है. उनकी फैक्ट्रियों पर जमीन की लीज रद्द होने का नोटिस चिपका जायेगा.
बियाडा के कार्यकारी निर्देशक रवि रंजन प्रसाद ने कहा कि पुलिसबल के साथ बियाडाकर्मी बंद पड़ी फैक्टियों पर नोटिस चिपकायेंगे. इन फैक्ट्रियों की जमीन खाली करा उसे नये उद्यमियों को दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले सातों फैक्ट्रियों की जमीन का लीज रद्द कर नोटिस चिपका गया था. ये फैक्ट्रियां सालों से बंद पड़ी हुई थीं. कई बार नोटिस दिया गया कि फैक्ट्री चालू करें. लेकिन फैक्ट्री चालू नहीं करने पर लीज रद्द कर दी गयी. उन्होंने कहा कि जिन्हें नोटिस भेजा गया है, अगर वे अपना उद्योग चालू नहीं करते हैं, तो उनकी फैक्ट्री की जमीन की भी लीज रद्द की जायेगी.
वहीं, उत्तर बिहार उद्यमी संघ के बियाडा के काले नोटिस के खिलाफ सोमवार को सातवें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा. इस बीच बियाडा प्रशासन से कोई बातचीत नहीं हुई है. इस वजह से सोमवार से उद्यमियों ने भी फैक्ट्रियों का उत्पादन बंद कर कामगारों के साथ धरना में शामिल हो गये. उद्यमियों ने कहा कि जबतक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. उत्तर बिहार उद्यमी संघ के सचिव विक्रम कुमार ने कहा कि बेगूसराय, सीतामढ़ी, बक्सर, बेतिया में भी आज से धरना की शुरुआत होने वाली है. संघ ने बियाडा से मांग की है कि रद्दीकरण की सूची संघ को दी जाये.
उद्यमियों ने बियाडा से लीज रद्द फैक्ट्रियों की सूची मांगी है. बेला औधोगिक क्षेत्र में फैक्ट्री चलाने वाले उद्यमियों ने बियाडा के अधिकारियों से जिन फैक्ट्रियों की लीज रद्द (कैंसिल) की है, उसकी सूची मांगी है. सोमवार को उद्यमियों का एक शिष्टमंडल बियाडा के कार्यकारी निदेशक रवि रंजन प्रसाद से मिल कर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें लिखा है कि जिन फैक्ट्रियों की जमीन रद्द की गयी है, वह किन कारण से और कितनी फैक्ट्रियों की है.
उत्तर बिहार उद्यमी संघ के सचिव विक्रम कुमार ने कहा कि बियाडा के अधिकारी ने दो दिनों के अंदर सूची उपलब्ध कराने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बियाडा ऐसे उद्यमी की फैक्ट्रियों को भी नोटिस कर रहा है, जिनसे उत्पान किया जा रहा है. ऐसे में उत्पादन करने वाली फैक्ट्री के मालिकों को परेशानी हो रही है. दूसरी ओर बियाडा ऐसी फैक्ट्रियों का अनुबंध रद्द कर रहा है, जिसके मालिकों काे न नोटिस मिला और न ही कोई सूचना मिली है. बियाडा अगर सूची देता है तो इससे जानकारी मिल सकेगी कि कौन-सी फैक्ट्री से उत्पादन सालों से बंद है और कितनी चालू है.