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हद है! मोतिहारी में भू-माफियाओं ने बेच दी सरकारी स्कूल की जमीन, ऐसे किया कारनामा   

Motihari: मोतिहारी जिले के ढाका प्रखंड के उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पचपकड़ी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलवारिया की जमीन को बेचने का मामला प्रकाश में आया है.

कहा जाता है बिहार एक ऐसा राज्य है जहां कुछ भी असंभव नहीं है. यहां कभी सड़क चोरी हो जाती है तो कभी भी पुल. लेकिन इस बार इन सब से अलग कुछ ऐसा हुआ है जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया, दरअसल, बिहार में भू-माफियाओं के हौसले किस कदर बुलंद है इसका अंदाजा आप सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि मोतिहारी में  भू-माफियाओं ने एक नहीं बल्कि दो-दो सरकारी स्कूलों की जमीन बेच दी. इतना ही नहीं सरकारी जमीन की विक्रेता के नाम पर रजिस्ट्री भी करा दी. यहां तक कि दाखिल-खारिज भी खरीदने वाले के नाम पर करा दिया गया. अब इस मामले को क्षेत्र के विधायक पवन जायसवाल द्वारा उठाए जाने पर विभागीय मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन  दिया है. 

कर्मचारियों ने भी किया खेल

मोतिहारी  जिले के ढाका प्रखंड के उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पचपकड़ी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलवरिया की जमीन को बेचने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के मुताबिक फुलवरिया स्कूल की 41 डिसमिल जमीन की पांच साल पहले 2019 में रजिस्ट्री की गई. ढाका के अंचलाधिकारी ने फुलवरिया स्कूल की दाखिल खारिज खरीदने वाले के नाम पर कायम भी कर दी. यूं तो इस मध्य विद्यालय में शिक्षक भी पदस्थापित हैं और सैकड़ों बच्चे पढ़ने आते हैं लेकिन कर्मचारी की रिपोर्ट के मुताबिक भूमि रिक्त घोषित की गई है, जिस पर विक्रेता का दखल-कब्जा बताया गया है. 

जमीन पर खेलते हैं बच्चे

एक घटना को अंजाम देने के बाद भू-माफियाओं की हिम्मत इतनी बढ गई कि उन्होंने उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पचपकड़ी की भूमि को भी बेच दिया. जबकि यह जमीन विद्यालय परिसर के अंदर है और बच्चे उसे खेल मैदान के रूप में इस्तेमाल करते हैं. इस जालसाजी को गोपनीय रखने के लिए ढाका में निबंधन कार्यालय होने के बावजूद उसकी रजिस्ट्री मोतिहारी निबंधन कार्यालय में कराई गई. 

विभागीय मंत्री ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

मामले की जानकारी होने पर दोनों ही मामलों को ढाका के विधायक पवन जायसवाल ने उठाया. इस पर विभागीय मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है. मामले की जांच कर रहे अपर समाहर्ता मुकेश सिंह ने स्वीकार किया कि यह गंभीर किस्म का अपराध है. इसमें सम्मिलित किसी भी कर्मचारी अथवा अधिकारी के साथ कोई रियायत नहीं की जा सकती है. 

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