पटना जिले में म्यूटेशन के मामले के निबटारे की गति धीमी है. अधिकारियों के बार-बार निर्देश के बावजूद असर नहीं पड़ रहा है. जिले में निर्धारित समय से अधिक के लगभग 59 हजार मामले लंबित हैं. इसमें फुलवारीशरीफ अंचल में सबसे अधिक लगभग 6800, पटना सदर अंचल में लगभग 6500, संपतचक अंचल में लगभग 5900, बिहटा अंचल में लगभग 5500, दानापुर अंचल में लगभग 4900 आवेदन पेंडिंग हैं. वहीं मनेर अंचल में 2500, मसौढ़ी अंचल में लगभग 3500, नौबतपुर में लगभग 3800 पेंडिंग हैं.
जानकारी के अनुसार पटना सदर के अलावा बिहटा, दानापुर, फुलवारीशरीफ, नौबतपुर, संपतचक इलाके के विकसित होने के कारण जमीन की खरीद-बिक्री अधिक हो रही है. इससे जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद म्यूटेशन कराना आवश्यक होता है. इस वजह से इन इलाके में म्यूटेशन के आवेदन अधिक जमा होते हैं. लेकिन राजस्व कर्मचारी द्वारा रिपोर्ट समिट करने में देरी से पेंडिंग का मामला अधिक होता है.
जानकारों के अनुसार ऑनलाइन म्यूटेशन में नाम, खाता नंबर, खेसरा नंबर या अन्य किसी तरह की गड़बड़ी होने पर सुधार के लिए फिर से आवेदन करना होता है. ऐसी स्थिति में आवेदन के निबटारे में देरी होती है. अंचल कार्यालय में गड़बड़ी को लेकर पर्याप्त सूचना नहीं देकर आवेदन को रिजेक्ट कर दिया जाता है. इससे दुबारा आवेदन जमा करने से संख्या अधिक होती है. म्यूटेशन के लिए जमा आवेदन को 30 दिनों के अंदर निबटारा करने का समय निर्धारित है. लेकिन तरह-तरह से अड़ंगा लगा कर इसमें देरी की जाती है.
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जिले में 30 दिनों के अंदर निष्पादित मामले में भी लगभग नौ हजार मामले लंबित हैं. इसमें पटना सदर में लगभग 1300, फुलवारीशरीफ में लगभग 1200, दानापुर व बिहटा में लगभग 800, नौबतपुर में लगभग 500, मनेर में लगभग 550, मसौढ़ी व संपतचक में लगभग 400 है.
अंचल कार्यालयों में म्यूटेशन के मामले में बेवजह परेशान किये जाने या गड़बड़ी की शिकायत पर कार्रवाई होती है. शिकायत मिलने पर डीएम द्वारा अंचलों का निरीक्षण कर संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई करते हैं. ऐसे मामले में सीओ, राजस्व कर्मियों पर कार्रवाई हुई है.