Bihar: जमीन के दाखिल-खारिज सॉफ्टवेर में वादों के निष्पादन के समय प्रतिवेदित खेसरा पर कुल दायर वादों की सूची अपडेट स्थिति के साथ परदर्शित होगी. पदाधिकारी वाद का क्रमवार निष्पादन नहीं कर सकता तो उस उस केस को एक दिन के लिए सूची से हटा सकता है. लेकिन अगले दिन वह सूची में प्रदर्शित होगा. इस तरह उसे हर बार स्किप का कारण देना होगा. आला अधिकारियों को भी यह पता चलेगा कि किस वाद को कौन अधिकारी कितने दिन से स्किप कर रहा है. जांच में यह पाया गया था कि दाखिल-खारिज वादों के निष्पादन में राजस्व पदाधिकारी अंचल अधिकारी द्वारा किसी रैयत के वाद को एक बार अस्वीकृत कर दिया जाता है. बाद में उसे स्वीकृत कर दिया जाता है.
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क्रेता का नाम और निष्पादन की स्थिति भी दिखेगी
दाखिल-खारिज सॉफ्टवेयर में वादों के निष्पादन के समय यह भी पता चलेगा कि संबंधित खेसरा पर कुल दायर वादों कितने हैं. पूर्व के कितनों का निष्पादन हो चुका है. अभी लंबित वाद संख्या कितनी है. क्रेता का नाम और निष्पादन की स्थिति भी दिखेगी. इससे एक बार किसी रैयत के वाद को अस्वीकृत करने के बाद अंचल अधिकारी अपने पूर्व के आदेश पर पुनर्विचार करने से बच जायेंगे. वे रैयत को भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय मे अपील के लिये वाद दायर करने का निर्देश दे सकते हैं. सभी प्लॉट के विरुद्ध दायर किए गए प्रतिवेदन को सिस्टम में टेम्पररी सुरक्षित करने का भी ऑप्शन उपलब्ध कराया गया है. अगर किसी कर्मचारी द्वारा अपने पूर्व में दायर रिपोर्ट (अगर डिजिटल सिग्नेचर नहीं हुआ हो तो) में बदलाव करना है तो वो अपने पूर्व की रिपोर्ट में जो सिस्टम मे टेम्पररी सुरक्षित है को रद्द कर नयी रिपोर्ट जमा कर सकते है.