पटना. औरंगाबाद के नबीनगर थर्मल पावर स्टेशन की 660 मेगावाट की तीसरी व अंतिम इकाई से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है. रविवार को इस यूनिट ने केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीइआरसी) के मापदंडों के अनुरूप अपने 72 घंटे का फुल लोड ट्रायल-रन ऑपरेशन सफलतापूर्वक कमीशन कर लिया. एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने इस परियोजना की 84.8 प्रतिशत बिजली गृह राज्य यानि बिहार को आवंटित की है. शेष बिजली उत्तर प्रदेश, झारखंड और सिक्किम को मिलेगी.
नबीनगर परियोजना के मुख्य कार्यकरी अधिकारी आरके पांडेय ने बताया कि इस परियोजना की तीसरी व अंतिम इकाई के सफलतापूर्वक कमीशनिंग के साथ ही बिहार को इस यूनिट से अतिरिक्त 559 मेगावाट बिजली की आपूर्ति भी जल्द होने लगेगी. तीसरी यूनिट एक्टिव होने से एनटीपीसी की स्वामित्व वाली नबीनगर पावर जेनेरटिंग कंपनी की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता अब 1320 से बढ़ कर 1980 मेगावाट हो गयी है.
एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के कार्यकारी निदेशक व नबीनगर पावर जेनेरटिंग कंपनी के निदेशक सीतल कुमार के बताया कि कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच एनपीजीसी ने इस लक्ष्य को टीम भावना और जुझारूपन के साथ हासिल किया है. इसे यादगार उपलब्धि के रूप में एनटीपीसी में लंबे समय तक याद रखा जायेगा. हम लोग इस यूनिट से जल्द ही वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करेंगे.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में एनटीपीसी से बिहार को 5362 मेगावाट का विद्युत आवंटन है, जो इस यूनिट से मिलने वाली 559 मेगावाट के बाद बढ़ कर 5921 मेगावाट हो जायेगा. एनटीपीसी ने बिहार राज्य में कुल 76,246 करोड़ रुपये के निवेश से छह संयंत्रों के द्वारा 8410 मेगावाट की विद्युत स्थापित उत्पादन क्षमता हासिल कर ली है, जबकि 1320 मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं.
एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि औरंगाबाद जिले के बारुण प्रखंड में स्थित नबीनगर पावर प्लांट 660 मेगावाट की तीन इकाइयों के साथ कुल 1980 मेगावाट की कोयला आधारित परियोजना है. 19,412 करोड़ की लागत से सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित इस परियोजना की पहली व दूसरी इकाई का वाणिज्यिक उत्पादन क्रमश: छह सितंबर 2019 व 23 जुलाई 2021 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने किया था. वर्तमान में इससे बिहार के तय आवंटन 1122 मेगावाट से भी अधिक बिजली की निरंतर आपूर्ति की जा रही है.