पटना. भारत की ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30,000 गाने गाये हैं. उन्होंने बिहार की दो भाषाओं भोजपुरी और मैथिली को अपनी आवाजद दी. दोनों की भाषाओं में उनके गाये गीत काफी लोकप्रिय रहे हैं. वैसे तो लता मंगेशकर ने जितने भी गाने गाये हैं, सभी गाने सुपर हिट हुए हैं, लेकिन मैथिली भाषा में गाया हुआ उनका गीत अपने जमाने में हर मैथिल की जुबान पर चढ़ गया था.
आज भी लता मंगेशकर के मैथिली भाषा में गाये गीत एक बार सुनने के बाद बार-बार सुनने को इच्छा होती हैं. यही चमत्कार है कि लता मंगेशकर की आवाज का.1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फ़िल्म आपकी सेवा में लता को गाने का पहला मौका दिया. इस फ़िल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई. इसके बाद लता ने मज़बूर फ़िल्म के गाने ‘अंग्रेजी छोरा चला गया’ और ‘दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने’ जैसे गानों से खुद को साबित किया. हालांकि इसके बावज़ूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी.
1949 में लता को ऐसा मौका फ़िल्म ‘महल’ के ‘आयेगा आनेवाला’ गीत से मिला. इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फ़िल्माया गया था. यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई. इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
1962 में लता ने भोजपुरी गीत गाये और 1964 में लता ने पहली बार मैथिली गीत गाया. मलय मुखर्जी के साथ लता ने फिल्म विद्यापति के लिए मैथिली भाषा में गीत गाया. विद्यापति की रचना सुनु सुनु रशिया गीत उस जमाने में काफी लोकप्रिय हुआ था. आज भी यह गीत बिहार खासकर मिथिला के इलाकों में खूब सुना जाता है.