पटना. विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा नेताओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर जो केंद्रीय टीम गठित की गई थी, उस टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर जेपी नड्डा को सौंप दी है. जांच समिति का गठन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की अगुवाई में किया गया था. उनके अलावे सांसद मनोज तिवारी, सांसद सुनीता दुग्गल और सांसद बीडी राम इस केंद्रीय जांच टीम के सदस्य हैं. रिपोर्ट में 771 घायलों की सूची भी संलग्न की गई है और यह भी बताया गया है कि लाठीचार्ज के अलावा दर्जनों लोग भगदड़ में गिरकर भी घायल हुए. ऐसी ही एक भगदड़ में जहानाबाद के जिला महामंत्री विजय सिंह की मौत हो गई. हालांकि, इस रिपोर्ट के बारे में औपचारिक तौर पर भाजपा की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इसपर अनुमोदन करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को देंगे.
नड्डा ने रिपोर्ट के संबंध में कही ये बात
रिपोर्ट मिलने की जानकारी देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर नीतीश सरकार द्वारा प्रायोजित लाठीचार्ज के संदर्भ में गठित की गई भाजपा की जांच समिति से घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त हुई. यह बिहार में व्याप्त जंगलराज, अराजकता और विपक्षी दलों के प्रति राज्य सरकार की क्रूरता एवं असंवेदनशीलता को अनावृत्त करती है. नीतीश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भाजपा का संघर्ष निरंतर जारी रहेगा. इस रिपोर्ट में 771 घायलों की सूची भी संलग्न की गई है. टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लाठीचार्ज के अलावे कई लोग भगदड़ में गिरकर जख्मी हुए हैं. ऐसी ही एक भगदड़ में जहानाबाद के जिला महामंत्री विजय सिंह की मौत हो गई. जिला प्रशासन और पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं.
लाठीचार्ज के दौरान हुई थी एक नेता की मौत
विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा नेताओं के ऊपर राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर जमकर लाठियां चलाई गई थी. इसमें भाजपा ने कई नेताओं की तरफ से आए होप लगाया गया था कि पुलिस के लाठीचार्ज से उनके पार्टी के एक नेता की मौत हो गई थी. इसी मामले की जांच को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया. यह टीम पटना आयी और उन सभी इलाकों में जाकर मुआयना की जहां भाजपा के कार्यकर्ता विधानसभा मार्च के दौरान उपस्थित थे. इसके साथ ही साथ केंद्रीय टीम मृत भाजपा नेता के आवास पर जाकर भी सभी चीजों की जानकारी इकट्ठा की और अब अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है.
पुलिस मैनुअल को दरकिनार करने का आरोप
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर पुलिस मैनुअल को दरकिनार कर को कमर के ऊपर लाठीचार्ज किया गया. इसके साथ ही पार्टी के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल समेत ज्यादा चोटिल लोगों के नाम के साथ उनकी हालत की जानकारी देते हुए उनकी आंखों देखी बातों के आधार पर जांच रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि पुलिस पहले ही यह मंशा बनाकर बैठी थी कि उन्हें भाजपा के इस शांतिपूर्ण मार्च के दौरान नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को घेरकर पीटना है.
प्रशासन पर स्वाभाविक मौत दिखाने के प्रयास का आरोप
इसके साथ ही इस रिपोर्ट में जिला प्रशासन और पुलिस के रवैये को संदिग्ध भी बताया गया है और अमानवीय भी. रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि विजय सिंह की हत्या को सरकारी तंत्र किस तरह स्वाभाविक मौत दिखाने के प्रयास में रही, लेकिन वह उस समय का वीडियो नहीं दिखा सकी, जब विजय सिंह जमीन पर गिरे थे. रिपोर्ट में उनके गीले होने, कपड़े फटे होने और गिरने के बाद मौत होने की बात लिखी गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गठित चार सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम शनिवार को जांच के लिए पटना पहुंची थी. इस दौरान टीम ने 13 जुलाई को पुलिस कार्रवाई में घायल हुए और अस्पतालों में उपचार करा रहे पार्टी के कई कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी.
रिपोर्ट के आधार पर सरकार को घेरेगी बीजेपी
प्रमाण इकट्ठा करने के बाद जांच समिति ने रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को आज रिपोर्ट सौंप दी गई है. पार्टी अब यह तय करेगी कि रिपोर्ट को किस स्तर पर ले जाना है और कैसे महागठबंधन सरकार को बेनकाब करना है. 13 जुलाई को बिहार सरकार की नाकामियों और शिक्षकों के मसले पर बीजेपी ने विधानसभा मार्च किया था. बिहार प्रदेश के तमाम बड़े नेता सड़कों पर उतरे थे. इसी दौरान डाक बंगला चौराहे के पास पुलिस ने नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसाई थी.