पटना. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री अलोक मेहता के बयान के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. विभाग को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री अलोक मेहता के विभाग में 9 अंचलाधिकारी के निलंबन एवं 12 पर विभागीय कार्रवाई वाले बयान पर कहा है कि ये सब दिखावा है.
विजय सिन्हा ने कहा कि अब निलंबित एवं आरोपित अंचलाधिकारी विभाग में दौड़-दौड़ कर आते रहेंगे. मंत्री जी और विभाग की सेवा में भ्रष्ट तरीके से सेवा में लग जाएंगे. यदि ये वास्तव में विभाग को सुधारकर लोगों को सही और सुलभ तरीके से जमाबंदी, अतिक्रमण हटाना, न्यायालय के आदेश का अनुपालन, दाखिल खारिज और ऑनलाइन सेवा में मदद करना चाहते हैं तो दोषी अंचलाधिकारी को शीघ्र सेवा से बर्खास्त करें. सरकार की इस कार्रवाई से अन्य भ्रष्ट राजस्व पदाधिकारियो को सख्त संदेश जाएगा.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विभाग के कर्मी जानबूझकर खाता खेसरा में गलती करते हैं और किसानों और अन्य लोगों का आर्थिक एवं मानसिक शोषण करते हैं. इनके इस कार्य में थाना के पुलिस अधिकारी भी मिले रहते हैं. अंचल अधिकारी और थाना प्रभारी जिस स्थान एवं प्रखंड या जिले में रहते हैं वे वहीं पर जमीन खरीद लेते हैं. सरकार को जांच करानी चाहिए कि किन-किन पदाधिकारियों का कहां-कहां पदस्थापन रहा है और वह कहां कहां जमीन लिए है. दोषी अधिकारियों को सीधे स्पीडी ट्रायल कर बर्खास्त करना चाहिए. इससे ईमानदार पदाधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा.
आगे विजय सिन्हा ने कहा कि कुछ ऐसे पदाधिकारी जो दूसरे सेवा संवर्ग से आए हैं वह खुलकर भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं. कुछ भ्रष्ट पदाधिकारियों का स्थानांतरण एक ही जगह पर कई वर्षों तक रहता है उनका स्थानांतरण रोका जाता है एवं उनका मनोबल बढ़ाया जाता है. माननीय मंत्री जी इसका संज्ञान ले एवं भ्रष्ट पदाधिकारियों को दंडित करें.