मधुबनी में लगेगी लेदर गारमेंट फैक्ट्री, सावी लैदर्स कंपनी करेगी पंडौल में निवेश

बिहार में लेदर फैब्रिक बनाने वाली कंपनी सावी लैदर्स दो दिन पहले बिहार आयी. कंपनी के अफसरों ने यहां विभिन्न इकाइयों का दौरा किया. सावी लैदर्स ने मुधबनी के बियाडा औद्योगिक पंडोल स्थित क्षेत्र में इकाई लगाने के लिए 15 एकड़ भूमि की मांग की है. यह यूनिट चमड़े के वस्त्र के अलावा दूसरे उत्पाद भी बनाती है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 7, 2022 11:08 AM

पटना. मधुबनी जिले के पंडौल परिसर में बड़ा निवेश होने जा रहा है. वर्षों बाद यहां एक बार फिर लेदर कारखाना स्थापित होने जा रहा है. बिहार में लेदर फैब्रिक बनाने वाली कंपनी सावी लैदर्स दो दिन पहले बिहार आयी. कंपनी के अफसरों ने यहां विभिन्न इकाइयों का दौरा किया. सावी लैदर्स ने मुधबनी के बियाडा औद्योगिक पंडोल स्थित क्षेत्र में इकाई लगाने के लिए 15 एकड़ भूमि की मांग की है. यह यूनिट चमड़े के वस्त्र के अलावा दूसरे उत्पाद भी बनाती है.

पंडौल औद्योगिक क्षेत्र में 15 एकड़ भूमि के लिए आवेदन

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सावी ब्रदर्स नोएडा में 100% निर्यातोन्मुख फर्म है. बताया गया है कि यह फर्म बिहार के 50% से अधिक कुशल श्रमिकों के साथ यहां निवेश करेगी. पंडौल औद्योगिक क्षेत्र में 15 एकड़ भूमि के लिए आवेदन वियाडा को सौंप दिया गया है. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने इसकी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा की है.

बेहतर बाजार उपलब्ध कराना है लक्ष्य

इधर, बिहार की कला आज न केवल देश में बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी अपनी अलग पहचान स्थापित कर रही है. मधुबनी पेंटिंग की मांग आज विदेशों में भी बढ़ी है. ये बातें उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कोलकाता में आयोजित बिहार क्राफ्ट फेयर में कहीं. कोलकाता में चल रहे बिहार क्राफ्ट मेला में उद्योग मंत्री ने दौरा किया, जहां उन्होंने विभिन्न स्टॉल का भ्रमण किया और बिहार के हुनरमंद शिल्पियों, बुनकरों और उद्यमियों की हौसला अफजाई करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया. उन्होंने कहा कि इस तरह के मेले में राज्य के शिल्पियों को बेहतर बाजार उपलब्ध होता है.

बिहार के कलाकारों को दूसरे राज्यों में भी पहचान मिले

उद्योग मंत्री ने कहा कि हैदराबाद और भोपाल में सफलतापूर्वक मेला लगाने के बाद अब हमारा लक्ष्य है कि हम देश के सभी बड़े शहरों में बिहार क्राफ्ट फेयर का आयोजन करें ताकि बिहार के हुनरमंद और प्रतिभावान कलाकारों को न सिर्फ अपने राज्य के बल्कि दूसरे राज्यों में भी पहचान मिल सके. इस अवसर पर उद्योग विभाग के विशेष सचिव व उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक आलोक कुमार ने मंत्री व अन्य लोग मौजूद रहे.

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