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बिहार में अब तक सामान्य से 41 फीसदी कम बारिश, 20 साल में 11वीं बार सूखे की आहट

अगर मॉनसून की शानदार वापसी नहीं हुई, तो बिहार इस साल भयावह सूखे की चपेट में होगा. क्लाइमेट चेंज चरम पर है. यही वजह है कि प्रदेश में 20 वर्षों में 11वीं बार सूखा दस्तक देने जा रहा है. बिहार में अभी तक सामान्य से 41 फीसदी कम (मात्र 390 मिलीमीटर) बारिश हुई है.

राजदेव पांडेय, पटना. अगर मॉनसून की शानदार वापसी नहीं हुई, तो बिहार इस साल भयावह सूखे की चपेट में होगा. क्लाइमेट चेंज चरम पर है. यही वजह है कि प्रदेश में 20 वर्षों में 11वीं बार सूखा दस्तक देने जा रहा है. बिहार में अभी तक सामान्य से 41 फीसदी कम (मात्र 390 मिलीमीटर) बारिश हुई है. ऐसी स्थिति में विशेषकर धान जैसी कैश क्रॉप किसानों को धोखा दे सकती है. धान की रोपनी लक्ष्य के मुकाबले अभी 82% ही हुई है.

अगस्त में अच्छी बारिश के आसार बिल्कुल नहीं

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार की औसत बारिश की तुलना में महज 30% बारिश हुई है. अगस्त में अच्छी बारिश के आसार बिल्कुल नहीं है. बिहार में पिछले 21 सालों में सबसे कम मॉनसूनी बारिश 2010 में हुई, तब सामान्य बारिश की केवल 66.7% (678 मिलीमीटर) बारिश हो सकी थी. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस बार इतनी भी बारिश हो जाए, तो बड़ी बात ही कही जायेगी. दरअसल मॉनसून करेंट पकड़ नहीं पा रहा है. यही वजह है कि ड्रायस्पैल (दो बारिशों के बीच का समय) लंबा खिंच रहा है. बिहार में इस साल जून में सामान्य से छह फीसदी अधिक 172.3 मिलीमीटर बारिश हुई थी.

बारिश के दो महत्वपूर्ण महीने सावन तो सूखा चला गया

जुलाई में केवल 135 मिलीमीटर और अगस्त में अब तक केवल 83 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो अब तक के मौसमी इतिहास में सबसे कम बतायी जा रही है. इस तरह बारिश के दो महत्वपूर्ण महीने सावन तो सूखा चला गया, भादो भी सूखा ही जा रहा है. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के धान खेती के प्रतिष्ठित विज्ञानी डॉ एन के सिंह का कहना है पिछले कई दशकों का अनुभव रहा है कि अगस्त मध्य से बारिश शुरू हो जाती थी. उन्होंने कहा कि अगर पंद्रह दिन और बारिश नहीं हुई, तो बिहार भयावह अकाल झेल सकता है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे रबी को दुरुस्त करें.

किसानों को सहायता देने के लिए पूरी तैयारी रखें: सीएम

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे कम बारिश से पैदा हुए हालात पर पूरी नजर रखें और किसानों को सहायता देने के लिए पूरी तैयारी रखें. प्रखंडवार स्थिति का आकलन कराएं और संभावित सूखे की स्थिति में किसानों को हर संभव मदद देने की योजना बनाएं. बुधवार को कम वर्षा होने की स्थिति में राज्य की उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजल अनुदान योजना के तहत किसानों को डीजल अनुदान का लाभ तेजी से दिलाएं. जो बचे हुए आवेदक हैं, उनको जल्द राहत दिलाएं.

इसके पहले 2010 में हुई थी काफी कम बारिश

वर्ष बारिश की मात्रा

  • 2003 1008 (99.6%)

  • 2005 897.4 (88.6%)

  • 2009 868.6 (85.8%)

  • 2010 678 (66.9%)

  • 2012 797.9 (78.8%)

  • 2013 773.6 (76.4%)

  • 2014 959.6 (94.8%)

  • 2015 796 (78.6%)

  • 2017 994.4 (98.2%)

  • 2018 780.9 (77.1%)

क्या कहते वैज्ञानिक

निश्चित रूप से बारिश कम है. अगले दो-तीन दिन दक्षिणी और मध्य बिहार में बारिश के आसार हैं, लेकिन अगस्त में बारिश कम ही होगी. निश्चित तौर पर बिहार सूखे की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. सितंबर के पूर्वानुमान का इंतजार है.

– आशीष कुमार , वरिष्ठ मौसम विज्ञानी, आइएमडी पटना

मुख्य बातें

  • औसत बारिश की तुलना में अभी तक मात्र 30% ही बरसा पानी

  • अच्छी बारिश के अभी नहीं हैं आसार

  • अगस्त में अब तक सिर्फ 83 मिलीमीटर बारिश, यह सबसे कम

  • 82% हाे चुकी धान की रोपनी, पर इसे बचाना अब बड़ी चुनौती

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