पटना में कबाड़ बना चौक-चौराहों पर लगे लेटर बॉक्स, राज्य में हटाये गये पांच हजार से अधिक लेटर बॉक्स
पटना में चौक-चौराहों पर लगे लेटर बाॅक्स कबाड़ बन गया है. कई दिन तक लेटर बॉक्स खुलते तक नहीं हैं. कई जगहों पर लगे खाली बॉक्स में जंग लग रही है.
सुबोध कुमार नंदन/ पटना. राज्य के शहर व गांवों के मुख्य चौक-चौराहों पर लगे पांच हजार से अधिक लेटर बॉक्स पिछले तीन साल में हटाये गये हैं. यह आंकड़ा डाक विभाग की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में उजागर हुआ है. मोबाइल और इंटरनेट के प्रचलन से लोग चिट्ठी-पत्री तो लिखते नहीं हैं, जिसके कारण लेटर बॉक्स खाली रह जाते हैं. इतना ही नहीं, कई दिन तक लेटर बॉक्स खुलते तक नहीं हैं. कई जगहों पर लगे खाली बॉक्स में जंग लग रही है. यही वजह है कि अब धीरे-धीरे इन्हें चौक-चौराहों से हटा कर कबाड़ में डाल दिया गया है.
20 प्रतिशत लेटर बॉक्स खुलते हैं कभी-कभार
राजधानी पटना में गिने-चुने जगहों पर ही ये बॉक्स दिखायी देते हैं. वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2018-2019, 2019-20 और 2021-2022 के दौरान 5229 लेटर बॉक्स सूबे के विभिन्न चौक-चौराहे और मुहल्ले से हटाये जा चुके हैं. वर्ष 2018-2019 में कुल लेटर बॉक्स की संख्या 22,781 थी, जो वर्ष 2021-2022 में 31 मार्च में घट कर 17,552 रह गयी. इस तरह सूबे में 5229 लेटर बॉक्स कम हो गये हैं.
पटना जिले में 334 लेटर बॉक्स
डाक विभाग की ओर से हटा दिया गया है. पटना जिले की बात करें तो 334 लेटर बॉक्स लगे हैं. इनमें से 20% लेटर बॉक्स कभी-कभार ही खुलते हैं. वहीं पिछले एक साल में दो दर्जन से अधिक लेटर बॉक्स हटा दिये गये हैं. इनमें कोतवाली थाना, एसपी वर्मा रोड मोड़, हाइकोर्ट के पीछे, चिरैयाटाड़ देवी स्थान के सामने लगे लेटर बॉक्स शामिल हैं.
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तीन साल में बिहार में खुले 25 नये डाकघर
वहीं, दूसरी ओर पिछले तीन साल में बिहार में 25 नये डाकघर खुले हैं. 2019 में कुल डाकघरों की संख्या 9084 थी. वह 2020 में बढ़कर 9095 हो गयी. इसके बाद 2021 में इसकी संख्या 9109 हो गयी है.