बिहार में दूसरे राज्यों के लाइसेंसी हथियारों का कराना होगा सत्यापन, हर्ष फायरिंग पर भी सख्त आदेश जारी
दूसरे राज्यों से हथियार लाइसेंस प्राप्त करने वाले लाइसेंस धारकों के लिए बिहार सरकार द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि उन्हें 15 फरवरी 2024 तक हथियारों का नए सिरे से सत्यापन कराना अनिवार्य होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो इसे अवैध हथियार माना जाएगा.
बिहार सरकार ने लाइसेंसी हथियार रखने वाले लोगों के लिए सोमवार को जरूरी निर्देश जारी किया है. जिसके अनुसार देश के उत्तर पूर्वी राज्य नागालैंड, जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों से स्वीकृत लाइसेंस पर खरीदे जाने वाले हथियारों का बिहार में पुन: सत्यापन कराना अनिवार्य है. गृह विभाग के निर्धारित एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के तहत ऐसे जिन लाइसेंसी शस्त्र धारियों ने अब तक राज्य सरकार के लाइसेंसिंग अथॉरिटी के समक्ष सत्यापन नहीं कराया है, उनको 15 फरवरी तक अपना शस्त्र निकटतम थाने या स्वीकृत लाइसेंसी के प्रतिष्ठान में जमा करा देना होगा. इसके बाद बिना सत्यापन कराए ऐसे हथियार व शस्त्र अवैध माने जाएंगे तथा इनको रखने वाले लाइसेंसी धारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. गृह विभाग ने इसको लेकर सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी कर निर्देश दिया है. इसके साथ ही हर्ष फायरिंग और हथियार के साथ रील्स बनाने को लेकर भी निर्देश जारी किया गया है.
दूसरे राज्यों से लाइसेंस लेकर बेहतर हथियार खरीद रहें अपराधी
दरअसल गृह विभाग का मानना है कि माफिया तत्व उत्तर पूर्व सहित अन्य राज्यों से शस्त्र लाइसेंस लेकर उम्दा किस्म के हथियार खरीद रहे हैं. अस्थायी पता के आधार पर यह लाइसेंस प्राप्त कर लिया जाता है, जिसका इस्तेमाल संगठित अपराध करने एवं आपराधिक वर्चस्व स्थापित करने के लिए किया जा रहा है. संबंधित अथॉरिटी न तो लाइसेंसी के स्थायी पता का सत्यापन करती है और न ही उनके आपराधिक इतिहास के संबंध में स्थानीय थाने से सत्यापन कराया जाता है.
ऐसे करीब आधे लाइसेंसधारी पाये गये अवैध
करीब पांच साल पहले गृह विभाग द्वारा कराये गये एक अध्ययन में पाया गया कि ऐसे लाइसेंस धारियों में करीब आधे शस्त्रों के पास यूआइएन (यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर) तक नहीं है. 2019 में ऐसे अनुमानित लाइसेंसी 560 थे, इसमें शस्त्र अनुज्ञप्ति पास यूआइएन नंबर के साथ 174 हथियार, वहीं शस्त्र अनुज्ञप्ति पास यूआइएन नंबर के बिना 288 एवं शस्त्र अनुज्ञप्ति पास यूआइएन नंबर के लिए 98 आवेदन दिए गए हैं. जबकि वास्तविक लाइसेंसी इसके 10 से 20 गुणा अधिक होने की आशंका जतायी गयी थी.
सिर्फ हैंडगन या .22 शॉटगन जैसे हथियारों को ही लाइसेंस
एसओपी के मुताबिक सैन्य शस्त्रों, नाइन एमएम पिस्टल, 38 रिवॉल्वर, 7.62 रायफल आदि शस्त्रों को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है, जबकि सिर्फ हैंडगन और .22 शॉटगन जैसे हथियार ही लाइसेंस के लिए वैध हैं. लाइसेंसी हथियारों के सत्यापन के लिए राज्य व जिले में डीएम ही लाइसेंसिंग अथॉरिटी बनाये गये हैं.
हथियारों के प्रदर्शन और हर्ष फायरिंग पर लगाएं रोक
गृह विभाग ने सभी डीएम को हथियारों के प्रदर्शन और शादी-ब्याह या अन्य मौकों पर की जाने वाली हर्ष फायरिंग पर भी पूरी तरीके से रोक लगाये जाने को लेकर कार्रवाई का निर्देश दिया है. विभाग ने कहा है कि सोशल मीडिया में फोटो एवं रील्स बना कर अपलोड किए जाने के मामलों में भी आयुध अधिनियम 1959 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए.
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