गया. सोनडीहा गैंगरेप मामले में बुधवार को पॉक्सो कोर्ट ने नौ दोषी अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. यह फैसला विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार की अदालत ने सुनायी. फैसले से पहले इस मामले में अब तक बहस विशेष लोक अभियोजक कैसर सर्फुद्दीन, कमलेश कुमार सिन्हा व सुनील कुमार ने की थी.
कोंच थाना अंतर्गत सोनडीहा गांव के निकट मां व उसकी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म व डकैती के मामले में अभियुक्त नवलेश पासवान, निर्भय पासवान, रामू पासवान, उमेश पासवान, रमेश पासवान, सरवन पासवान उर्फ कारू पासवान, भोला पासवान, उपेंद्र उर्फ भुंडुल पासवान, प्रकाश पासवान को धारा 376(डी) में सश्रम आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना का फैसला सुनाया गया.
जुर्माना अदा न करने की सूरत में दो महीने की अतिरिक्त सजा, धारा 376 (डी)(ए) में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा न करने की सूरत में दो महीने की अतिरिक्त सजा, धारा 395 में 10 साल की सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक महीने की अतिरिक्त सजा, धारा 323 में एक साल की सजा व एक हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक महीने की अतिरिक्त सजा सुनायी.
इसके साथ साथ धारा 341 में एक महीने की सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना, धारा 342 में एक साल की सजा व एक हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक महीने की अतिरिक्त सजा, धारा 120 बी में आजीवन कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक महीने की अतिरिक्त सजा सुनायी. गौरतलब है कि इसी मामले में चार आरोपितों दीपक कुमार ,गौरव कुमार, शिवम कुमार व बबलू उर्फ पिंटू पासवान को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया.
इस मामले में अभियोजन की ओर से कुल 23 गवाहों की गवाही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अशोक कुमार पांडे व वीरेंद्र कुमार मिश्रा की अदालत में हुई थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार बच्चों के लैंगिक अपराध से जुड़े मामले की सुनवाई को लेकर पॉक्सो कोर्ट का गठन किया गया. इसके बाद यह मामला जुलाई 2020 में पॉक्सो कोर्ट में आया, जहां उक्त अभियुक्तों के बयान दर्ज करने के साथ बहस हुई.
13 जून, 2018 को जब इस मामले के शिकायतकर्ता अपनी पत्नी व 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री के साथ बाइक से गुरारू स्थित दुकान से अपने घर जा रहे थे. सभी सोनडीहा गांव के निकट पहुंचे, तो उक्त अभियुक्तों ने हथियार के बल पर शिकायतकर्ता के हाथ-पांव बांध कर उसकी पत्नी व नाबालिग पुत्री को खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. उनके साथ मारपीट भी की थी व दो हजार रुपये भी छीन लिये थे. इन अभियुक्तों ने शिकायतकर्ता की पत्नी की नाक का सोने का बेसर व पायल भी छीन लिया था.
शिकायतकर्ता, उसकी पत्नी व उसकी पुत्री ने पहचान परेड में अभियुक्तों की पहचान की थी. इन लोगों ने कोर्ट को बताया था कि इन अभियुक्तों ने घटना के दिन दो अन्य लोगों के साथ भी लूटपाट की थी. इस मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला पटना के निदेशक दास अशोक कुमार व सहायक निदेशक हिमजय कुमार ने अपनी गवाही भी कोर्ट में दी थी. लूटे गये सामान की भी पहचान परेड करायी गयी थी. इसमें पीड़िता ने सामान की भी पहचान की थी.
इस मामले में दो नाबालिग आरोपितों की संलिप्तता भी सामने आयी है. इसका ट्रायल जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है. जिन दो आरोपितों का ट्रायल जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है, उनके नाम नीतीश पासवान उर्फ बगड़ा और हृदय पासवान हैं.
Posted by Ashish Jha