Liquor Ban in Bihar: बिहार में शराबबंदी पर सियासत जारी है. हर रोज इस मामले को लेकर नेताओं के अलग अलग बयान सामने आ रहे हैं. गुरुवार को शराबबंदी कानून को समाप्त करने की कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा की मांग का प्रदेश कांग्रेस ने समर्थन किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि वक्त आ गया है जब शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. जब राज्य में शराबबंदी कानून लागू की गयी थी, तो उस समय कांग्रेस सरकार का हिस्सा थी.
उन्होंने कहा कि उस समय भाजपा ने इस कानून का विरोध किया था. इधर, पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शराबंदी कानून का विरोध करने वाले कांग्रेस और राजद के नेताओं पर माफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया है. मांझी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि शराबबंदी कानून का समर्थन कर लागू कराने वाले बिहार कांग्रेस और राजद नेताओं को बताना चाहिए कि किन शराब माफियाओं के कहने पर इस कानून का विरोध कर रहे हैं.
शराबबंदी नीतीश सरकार का सबसे बेहतर फैसला है. हालांकि, हम सुप्रीमो ने सीएम से अनुरोध किया है कि वैसे गरीब जो शराबबंदी कानून के तहत छोटी गलती के लिए तीन महीने से जेल में बंद हैं, उनकी जमानत की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये. परिवार के मुखिया के जेल में बंद रहने से उनके बच्चे भूखे हैं.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि विपक्षी दल बिहार को शराब में डुबोकर यहां की सुख शांति छीनना चाहता है. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा को शराबबंदी के बाद बिहार में हुए सकारात्मक परिवर्तन नहीं दिख रहा. बिहार की खुशहाली उन्हें रास नहीं आ रही.
इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उन्होंने शराबबंदी की समीक्षा करने को कहा है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि असल में कांग्रेस की नीति हमेशा विकास विरोधी रही है. वह लोगों को कभी जाति और धर्म के नाम पर बांट कर, तो कभी शराब की नशे में डुबोकर वोट हासिल करते रही है.
Posted By: Utpal kant