पटना. बिहार में पूर्ण शराबबंदी का अध्ययन करने आया छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भेजी गयी इस उच्चस्तरीय टीम में छत्तीसगढ़ के आठ विधायकों के साथ ही 12 पदाधिकारी शामिल हैं. पिछले दो दिनों से 20 सदस्यीय यह प्रतिनिधमंडल बिहार के विभिन्न हिस्सों में शराबबंदी के प्रभाव का अध्ययन कर रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को इनकी मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुई है.
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ से आयी इस टीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी नीति के तमाम बिंदुओं पर चर्चा की और इसके प्रभाव को लेकर विस्तृत जानकारी ली है. मुख्यमंत्री के साथ बैठक में मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार, मुख्य सचिव सहित विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे. शराबबंदी का अध्ययन के लिए पहले भी बिहार में कई राज्यों की टीम आ चुकी है. राजस्थान की टीम कई दिनों तक बिहार का दौरा की थी. मुख्यमंत्री से भी टीम ने मुलाकात की थी और रिपोर्ट तैयार कर राजस्थान सरकार को सौंपा था.
बिहार से दल के लौटने के बाद वैसे राजस्थान सरकार ने अब तक शराबबंदी को लेकर कोई फैसला नहीं लिया, लेकिन बिहार में लागू शराबबंदी नीति कई राज्यों के लिए शोध का विषय रहा है. कई राज्यों ने अब तक अपनी टीम यहां भेजी है. अब छत्तीसगढ़ सरकार ने जो उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है, देखना है इस टीम के रिपोर्ट के आधार पर छत्तीसगढ़ सरकार क्या फैसला लेती है. ऐसे छत्तीसगढ़ से आयी टीम बिहार के कई क्षेत्रों का भी भ्रमण कर रही है और उसके आधार पर भी रिपोर्ट तैयार करेगी.
बिहार में 2016 से पूर्ण शराब बंदी लागू है. शराबबंदी के कारण सरकार को बड़े राजस्व की क्षति हो रही है, लेकिन शराबबंदी से लोगों को कई तरह का लाभ भी पहुंचा है. बिहार में महिलाओं की मांग पर ही नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू किया है. शराबबंदी लागू होने से घरेलू हिंसा के साथ रोड एक्सीडेंट में भी कमी आयी है. सामाजिक सौहार्द को कायम करने में भी यह कानून सहायक सिद्ध हुआ है. सबसे बड़ी बात कि इस कानून के बाद घरेलू हिंसा में भी कमी दर्ज की गयी है.