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‘आइए शराब, हेरोइन…सब पाइए’, बिहार के इस गांव में खुलेआम लगा पोस्टर, जानिए पूरा मामला

बिहार के रोहतास जिला के एक गांव में 10 वर्षीय काजल कुमारी ने एक पोस्टर लगवाया है. इस पोस्टर में लिखा है धर्मागतपुर गांव में आपका स्वागत है! आइए शराब, हेरोइन, महुआ सब पाइए. अब 10 साल की बच्ची ने ऐसा पोस्टर क्यों लगवाया जानिए...

बिहार के रोहतास जिला सूर्यपुरा थाना क्षेत्र के धर्मागतपुर गांव बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है. इसका कारण है यहां नशाखोरी व शराब बिक्री के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान. इस अभियान का नेतृत्व महज 10 वर्षीय काजल कुमारी कुमारी कर रही है, जो प्राथमिक विद्यालय धर्मागतपुर की कक्षा पांच की छात्रा है. काजल के नेतृत्व में ही ग्रामीण लगातार जुलूस निकाल रहे हैं. काजल की पहल पर गांव में नशीले पदार्थों के धंधेबाजों को रोकने के लिए कमेटी का गठन हुआ है. यह कमेटी सीधे एक्शन को तैयार है. काजल के साथ इस अभियान में कुछ घरों को छोड़ पूरा गांव खड़ा हो गया है.

काजल के कहने पर पिता ने छोड़ा नशा

काजल ने बताया कि उनके दादा यहां एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे. वह हमें नशे के दुष्परिणाम बताते थे. लेकिन इसी बीच मेरे पिता और मेरे चाचा भी हेरोइन का सेवन करने लगे. तो मेरे घर में मम्मी और पापा के बीच झगड़ा शुरू हो गया. काफी झगड़े के बाद मेरे पिता और मेरे चाचा ने इसे लेना बंद कर दिया.

गांव के बच्चे भी करते हैं नशा!

काजल ने बताया कि आज भी इस गांव के 60 फीसदी लोग, जिनमें 10 साल के बच्चे और 40 साल के युवा शामिल हैं, हेरोइन का नशा करते हैं. अगर इसे अभी नहीं रोका गया तो मेरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे भी इसकी चपेट में आ जायेंगे. मैंने अपने घर की हालत देखी है. मैं नहीं चाहती कि गांव में किसी अन्य घर में मेरे घर जैसा माहौल और स्थितियां हों.

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'आइए शराब, हेरोइन... सब पाइए', बिहार के इस गांव में खुलेआम लगा पोस्टर, जानिए पूरा मामला 2

काजल ने डीएम से की अपील

काजल कुमारी ने जिलाधिकारी नवीन कुमार से अपील की है कि मेरे गांव से नशाखोरी बंद हो, नहीं तो हमारा पूरा गांव बर्बादी के कगार पर है. इसके साथ ही काजल ने डीएम से प्राथमिक स्कूल की व्यवस्था को भी ठीक करानी की मांग की है. काजल ने कहा कि स्कूल में कक्षा एक से पाँचवीं तक की पढ़ाई होती है लेकिन कमरा सिर्फ एक है. अगर विद्यालय में कमरे बढ़ जाएंगे, तो बच्चे मनोयोग से पढ़ाई करेंगे और नशे से दूर रहेंगे

कब तक जारी रहेगा अभियान?

काजल ने बताया कि सभी जानते हैं कि गांव में नशीले पदार्थों की तस्करी कौन करता है. लेकिन पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है. जब तक गांव पूरी तरह से नशा मुक्त नहीं हो जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा. इसको लेकर ग्रामीणों ने गांव के बाहर एक बैनर टांग दिया है. जिस पर लिखा है ‘नशा मुक्ति अभियान: धर्मागतपुर गांव में आपका स्वागत है! आइए शराब, हेरोइन, महुआ सब पाइए. बिहार में शराबबंदी है, लेकिन धर्मागतपुर में खुला है!. सौजन्य से बेशर्म उत्पाद विभाग, सूर्यपुरा थाना एवं जिला प्रशासन रोहतास. निवेदक: लाचार बेबस समस्त ग्रामीण जनता.”

यहां हीरोइन लेने दूर दूर से आते हैं लोग

धर्मागतपुर गांव के ग्रामीण बताते हैं कि हीरोइन खरीदने के लिए नोनहर, सूर्यपुरा, नटवार, बिक्रमगंज के अलावा औरंगाबाद से भी युवाओं की भीड़ प्रतिदिन यहां आती है. यहां का रोजाना का कारोबार करीब पांच लाख रुपये का है. सुबह से शाम तक यहां अच्छे घरों के लड़के ऑटो, बाइक और कार से आते हैं. गांव के युवा उनका विरोध नहीं कर पाते क्योंकि जब वे सूर्यपुरा बाजार या नटवार बाजार जाते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है.

क्या कहते हैं ग्रामीण?

एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि करीब आठ साल पहले यहां का एक लड़का हीरोइन के साथ पकड़ा गया था और उसे जेल हो गयी थी. फिर कुछ दिनों के लिए हेरोइन की बिक्री बंद हो गई लेकिन अब यह फिर शुरू हो गई. आज यहां करीब पांच-छह घरों में लोग हीरोइन की बिक्री को लेकर झगड़ रहे हैं. हर कोई इनका नाम जानता है लेकिन कोई कुछ नहीं करता. फिर हमने एक कमेटी बनाकर इसका विरोध करने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि पुलिस शराब ढूंढ़ती है. लेकिन, खतरनाक हेरोइन पर कम ही हाथ डालती है, जिसका परिणाम है कि हमारा गांव हेरोइन बिक्री का सेंटर बन गया है. गत शुक्रवार को पुलिस आयी थी, एक घर से देसी शराब बरामद की उसे नष्ट किया और चली गयी.

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नशाबंदी के खिलाफ पुलिस कर रही लगातार प्रयास : पुलिस अंचल निरीक्षक

पुलिस अंचल निरीक्षक देवराज राय ने कहा कि धर्मागतपुर गांव के ग्रामीणों का प्रयास बहुत ही शानदार है और स्वागत योग्य है. हम लोग ग्रामीणों के साथ है और उनका हिम्मत बढ़ाते रहेंगे. हम लोग गांव गये थे, चिह्नित घरों पर छापेमारी भी की गई लेकिन कुछ भी बरामद नहीं हुआ. हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि वहां ऐसे हालात उत्पन्न ना हों.

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पुलिस ने छापेमारी कर 15 पुड़िया गांजा किया बरामद

नशाखोरी को लेकर चलाए गए इस अभियान के सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने धर्मांगतपुर गांव में छापेमारी कर एक गुमटी से 15 पुड़िया गांजा बरामद किया है. हालांकि, धंधेबाज भागने में सफल रहा. इस संबंध में पुलिस ने गांजा बेचने के आरोप में भुवर पासवान पर प्राथमिकी दर्ज की है. थानाध्यक्ष प्रिया कुमारी ने बताया कि धर्मांगतपुर गांव में ग्रामीणों के नशाबंदी के खिलाफ अभियान के दौरान त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी की गयी, तो गांव के ही भुवर पासवान की गुमटी से 15 पुड़िया गांजा बरामद किया गया. इसका वजन लगभग 30 मिलीग्राम बताया जाता है. वह गुमटी में गांजे की पुड़िया बना कर धंधा करता था. थानाध्यक्ष ने बताया कि नशाबंदी के खिलाफ उक्त गांव में समय-समय पर सघन छापेमारी जारी रहेगी.

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