पटना. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के 20 कॉलेजों में विभिन्न विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू होगी. एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिये गये निर्णय के आलोक में किस कॉलेज में कौन से विषय की पढ़ाई होगी, इसकी सूची जारी कर दी गयी है. सिर्फ अंगीभूत और अल्पसंख्यक कॉलेजों को ही पीजी कोर्स चलाने की स्वीकृति दी गयी है. विवि मुख्यालय के अंतर्गत विभागीय स्तर पर जो पीजी विभाग चल रहे हैं और जिन्हें सरकार से स्वीकृति प्राप्त है, उन्हीं विषयों को फिलहाल कॉलेजों में भी पढ़ाया जायेगा. सरकार के द्वारा आगे जब अन्य विषयों की पढ़ाई की स्वीकृति मिलेगी तो फिर कोर्स का दायरा भी बढ़ जायेगा. फिलहाल इन्हीं विषयों में पढ़ाई होगी.
रजिस्ट्रार डॉ जितेंद्र कुमार ने बताया कि हर विषय में सीटों की संख्या अधिकतम 30 होगी. उन्होंने कहा कि सरकार के नियमों को ध्यान में रख कर ही कॉलेजों में पीजी विभागों को स्वीकृति दी गयी है. शिक्षकों के संबंध में उन्होंने कहा कि यूजी के शिक्षक ही पीजी में पढ़ायेंगे. सरकार के द्वारा वहां शिक्षक नहीं दिये जायेंगे. विश्वविद्यालय के अंतर्गत जो पीजी विभाग हैं, वहां पीजी विषयों के शिक्षकों के पद सैंक्शन होंगे. कॉलेजों में इन्हें पढ़ाने की व्यवस्था प्राचार्य वहां मौजूद शिक्षकों के जरिये ही करेंगे. उन्होंने कहा कि विवि के द्वारा गेस्ट फैकल्टी की बहाली प्रक्रिया चल रही है. हालांकि ये पहले से सैंक्शन पोस्ट पर ही हो रहे हैं. ये शिक्षक भी यूजी के साथ पीजी में सहयोग कर सकते हैं.
-
एएनएस कॉलेज, बाढ़: उर्दू
-
बीडी कॉलेज, पटना : भौतिकी विज्ञान, जंतु विज्ञान, रजानीति शास्त्र, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र, पाली, भूगोल, प्राकृत, इतिहास
-
गंगा देवी महिला कॉलेज, पटना : वनस्पति शास्त्र, जंतु विज्ञान, उर्दू, समाजशास्त्र, गृह विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी
-
अल्लमा इकबाल कॉलेज, बिहारशरीफ : जंतु विज्ञान, उर्दू, समाजशास्त्र, गृह विज्ञान, इतिहास, एकाउंट्स ग्रुप
-
नालंदा कॉलेज, बिहारशरीफ : गणित, इतिहास
-
नालंदा महिला कॉलेज, बिहार शरीफ : मनोविज्ञान
-
आरकेडी कॉलेज, पटना : इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, भूगोल,अकाउंट्स
-
एसजीजीएस कॉलेज, पटना सिटी : भूगोल, वाणिज्य
-
एसपीएम कॉलेज, उदंतपुरी, बिहारशरीफ : रसायन विज्ञान, गणित, वनस्पति शास्त्र, अर्थशास्त्र, भूगोल
-
अरविंद महिला कॉलेज, पटना : भौतिकी, रसायन शास्त्र, गणित, वनस्पति शास्त्र, जंतु विज्ञान
-
कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस : एमएससी, इलेक्ट्रॉनिक्स
-
किसान कॉलेज, सोहसराय : भूगोल, मनोविज्ञान, भौतिकी, जंतु विज्ञान, एकाउंटेंसी
-
एसएमडी कॉलेज, पुनपुन : इतिहास, मनोविज्ञान
-
एमएम कॉलेज, बिक्रम : अंग्रेजी, इतिहास
-
जीजे कॉलेज, रामबाग, पटना : भौतिकी, गणित, जंतु विज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र
-
बीएस कॉलेज, दानापुर : भौतिकी, गणित, जंतु विज्ञान, वनस्पति शास्त्र, रसायन शास्त्र, मनोविज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र
-
आरपीएम कॉलेज, पटना सिटी : हिंदी, राजनीति शास्त्र
-
एसयू कॉलेज, हिलसा, नालंदा : गणित, अर्थशास्त्र, भूगोल, राजनीति शास्त्र
-
जेएनएल कॉलेज, खगौल, पटना : रसायन शास्त्र, जंतु विज्ञान, राजनीति शास्त्र, इतिहास
-
जेडी वीमेंस कॉलेज, पटना : भौतिकी, गणित, जंतु विज्ञान, वनस्पति शास्त्र, रसायन शास्त्र, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, गृह विज्ञान, गणित, संगीत, दर्शन शास्त्र, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, संस्कृत, समाजशास्त्र, उर्दू
Also Read: पटना-आरा के 6 स्कूली बच्चों ने बना डाला फुटबॉल खेलने वाला रोबोट, मोबाइल से भी किया जा सकता है कंट्रोल
राज्य के हर जिले के एक अंगीभूत या राजकीय कॉलेज में पीजी की पढ़ाई की व्यवस्था होगी. राज्य सरकार के उप सचिव द्वारा उक्त पत्र राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को जारी कर दिया गया है. सरकार के उक्त निर्देश के बाद कुछ विश्वविद्यालयों ने इसको लेकर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. वहीं, कुछ में अब भी इसको लेकर कार्रवाई नहीं हुई है. विश्वविद्यालयों को अपने क्षेत्राधीन जिले के ही कॉलेजों में स्वीकृति देनी होगी. इसको लेकर राज्य के विश्वविद्यालयों को इसके लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है. एक पीजी विषय में 30 सीटों के लिए स्वीकृति देने को कहा गया है.
हालांकि, साथ ही यह शर्त भी रखी गयी है कि 30 छात्रों पर उक्त विषय में कम-से- कम एक शिक्षक का होना अनिवार्य है. जारी पत्र के अनुसार वैसे स्नातक अंगीभूत महाविद्यालय व राजकीय महाविद्यालय, जिनमें कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय की पढ़ाई होती है, उक्त संकाय के पठित विषयों में 30 छात्र पर एक शिक्षक की उपलब्धता पर स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की जा सकती है. विवि के सक्षम प्राधिकार की अनुशंसा के बाद सर्वप्रथम पीजी की पढ़ाई की अनुमति दी जायेगी.
पाटलिपुत्र विवि के कॉलेज सिर्फ पटना और नालंदा जिले में ही हैं. दोनों ही जिलों में पहले से पीजी की पढ़ाई चल रही है. लेकिन, कई ऐसे जिले हैं, जहां पर पढ़ाई नहीं हो रही है. ऐसे छात्रों को पढ़ाई के लिए दूर जाना पड़ता है और इस वजह से वे उच्चतर शिक्षा जारी नहीं रख पाते हैं. हर जिले में पीजी की पढ़ाई की व्यवस्था होगी, तो ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को उच्चतर शिक्षा में रुचि बढ़ेगी. इनरौलमेंट की संख्या भी बढ़ेगी. डॉ जितेंद्र कुमार, रजिस्ट्रार, पीपीयू