LJP के 20 साल: रामविलास पासवान के बाद रौशन होंगे ‘चिराग’… राज्यसभा चुनाव में क्या है हाल?
Rajya Sabha Election 2020: बिहार चुनाव रिजल्ट में एनडीए को बहुमत मिला. सीएम नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के सीएम बने. इन सबके बीच बड़ा सवाल चिराग पासवान से जुड़ा है. बिहार चुनाव के ऐन पहले एनडीए को अलविदा करने का कितना नुकसान चिराग को हुआ है? एक सवाल यह भी है कि क्या बीजेपी ने बिहार से लेकर दिल्ली तक चिराग पासवान से दूरी बना ली है?
Rajya Sabha Election 2020: बिहार चुनाव रिजल्ट में एनडीए को बहुमत मिला. नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. बीजेपी को दो डिप्टी सीएम और सात मंत्रीपद मिला. एनडीए में शामिल हम और वीआईपी को भी एक-एक मंत्रीपद दिया गया. इन सबके बीच बड़ा सवाल चिराग पासवान से जुड़ा है. बिहार चुनाव के ऐन पहले एनडीए को अलविदा करने का कितना नुकसान चिराग को हुआ है? एक सवाल यह भी है कि स्थापना के 20 साल बाद लोजपा को चिराग पासवान कितना आगे ले जाएंगे?
Also Read: तेजस्वी पर नीतीश कुमार के तीखे तेवर देख राबड़ी देवी ने याद दिलाया ‘लालू के साथ वाला सियासी सफर’
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का बड़ा फैसला
बिहार में राज्यसभा की सीट के लिए पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का नाम तय हो चुका है. यह सीट लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई थी. इस फैसले से बीजेपी ने कहीं ना कहीं लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के ‘एकला चलो’ के फार्मूले को जवाब दे दिया है. बिहार चुनाव में अकेले लड़ने वाले चिराग पासवान पीएम मोदी के ‘हनुमान’ तक बन गए थे. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि चिराग पासवान की मां को राज्यसभा में भेजा जाएगा. लेकिन, बीजेपी ने पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का नाम फाइनल करके सारे कयासों पर ब्रेक लगा दिया है.
28 नवम्बर 2000 को पार्टी की स्थापना आदरणीय राम विलास पासवान जी ने अपने राष्ट्रवादी सोच के साथ लोक जनशक्ति पार्टी का निर्माण किया था।मुझे गर्व है की पार्टी ने हमेशा राष्ट्रहित से प्रेरित होकर सभी जाति धर्म के साथ काम किया और समाज को एक कर रखने में अहम भूमिका निभाई। pic.twitter.com/sdjDWVDQCK
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) November 28, 2020
बीस साल के बाद LJP का क्या हुआ हाल?
दलितों के नेता रामविलास पासवान ने बिहार में खुद को स्थापित करने के लिए साल 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की स्थापनी की थी. पार्टी की स्थापना के बाद रामविलास पासवान ने लोजपा को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश शुरू की. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने 4 सीटें जीती. इस जीत के बाद रामविलास पासवान केंद्रीय मंत्री बने. साल 2005 के बिहार चुनाव में पार्टी ने 29 सीटों पर कब्जा जमाया. इसी साल अक्टूबर में दोबारा चुनाव हुए और पार्टी 10 सीट पर पहुंच गई. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान के साथ ही पार्टी के सारे प्रत्याशी हार गए.
Also Read: सदन में हंगामे पर सीएम नीतीश कुमार का बयान, कहा- हम बोल कुछ रहे थे और वो समझ कुछ गए
चिराग पासवान और पार्टी की राजनीति
साल 2010 में रामविलास पासवान को राजद के सहयोग से राज्यसभा पहुंचने का मौका मिला. वहीं, राज्य में पार्टी सिकुड़ती चली गई. साल 2014 में चिराग पासवान के कहने पर रामविलास पासवान ने एनडीए का हाथ थामा और ‘मोदी मैजिक’ से 6 सीटें जीती. पार्टी को एक राज्यसभा सीट भी मिली. लेकिन, वक्त गुजरने के साथ पार्टी की धार कुंद होती चली गई. इस बार बिहार चुनाव के दौरान रामविलास पासवान का निधन हो गया. चिराग एनडीए से अलग हो गए और उनकी पार्टी बिहार में एक सीट पर आ गई. दूसरी तरफ लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को राज्यसभा चुनाव में भी बीजेपी ने झटका दे दिया है.
Posted : Abhishek.